
महालक्ष्मी को बुलाने की संध्या आरती
आरती: “ॐ जय लक्ष्मी माता”
ॐ जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता।
तुमको निशदिन सेवत, हरि विष्णु विधाता॥ ॐ जय...
उरझी ब्रह्माणी, रुद्राणी, तुम कमला रानी।
आगम निगम बखानी, तुम शिव की स्वामिनी॥ ॐ जय...
लक्ष्मी रूप निरंजन, सुख संपत्ति दायिनी।
सकल मंगला कारण, भव निधि की त्राणिनी॥ ॐ जय...
जो ध्यावे फल पावे, दुख विनाशिनि माता।
सुर नर मुनि जन सेवत, तन-मन-धन पाता॥ ॐ जय...
तुम पाताल निवासिनि, तुम ही शुभदायिनी।
रतन चतुर्दश साजें, क्षीर सागर की रानी॥ ॐ जय...
धूप दीप नैवेद्य चढ़ाएं, संत करें सेवा।
कपूर आरती गाएं, रिद्धि-सिद्धि देवा॥ ॐ जय...
🌺 आरती के बाद प्रार्थना:
सर्वमंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके।
शरण्ये त्र्यंबके गौरि नारायणी नमोऽस्तुते॥
🪔 आरती के समय ध्यान देने योग्य बातें:
- एक या दो घी के दीपक जलाएँ।
- घंटी या शंख बजाएं।
- परिवार के सभी सदस्य आरती में सम्मिलित हों।
- आरती के बाद कपूर से माँ को घुमा कर आरती करें।
- हाँ, “ॐ जय लक्ष्मी माता” जैसी महालक्ष्मी की संध्या आरती से व्यवसाय (business) में लाभ मिलने की पूरी संभावना होती है — यदि यह श्रद्धा, नियम और सही भावना से की जाए। यह सिर्फ धार्मिक कर्मकांड नहीं, बल्कि ऊर्जा, ध्यान और सकारात्मकता का एक माध्यम है, जो आपके व्यापार के वातावरण और आपके मनोबल को मजबूत करता है।
- 🧘♂️ 1. सकारात्मक संकल्प (Sankalp) लें – रोज़
हर सुबह यह संकल्प मन में दोहराएं:
“मैं योग्य हूँ, मैं समर्थ हूँ, मेरे भीतर दिव्य शक्ति है।”
“माँ लक्ष्मी और श्री विष्णु की कृपा से मैं हर कार्य में सफल हूँ।”
व्यक्तिगत डायरी रखें (Confidence Journal)
- हर दिन 3 चीज़ें लिखें:
- आपने आज क्या अच्छा किया?
- किस बात पर खुद की तारीफ़ की जा सकती है?
- कल क्या बेहतर कर सकते हैं?
धीरे-धीरे आप खुद में परिवर्तन महसूस करेंगे।
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महालक्ष्मी को बुलाने की संध्या आरती