
मासिक दुर्गाष्टमी का महत्व हिंदू धर्म में विशेष है। हर महीने की शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को मासिक दुर्गाष्टमी के रूप में मनाया जाता है। इस दिन देवी दुर्गा की विशेष पूजा की जाती है, और इसे माँ दुर्गा को समर्पित एक महत्वपूर्ण तिथि माना जाता है। मासिक दुर्गाष्टमी का महत्व निम्नलिखित कारणों से विशेष है:
- माँ दुर्गा की कृपा प्राप्त करना: इस दिन देवी दुर्गा की पूजा करने से उनकी कृपा प्राप्त होती है और जीवन में आने वाली समस्याओं, नकारात्मकता और संकटों का नाश होता है। माँ दुर्गा अपने भक्तों की रक्षा करती हैं और उन्हें शक्ति और साहस प्रदान करती हैं।
- नारी शक्ति का सम्मान: दुर्गाष्टमी का पर्व नारी शक्ति का प्रतीक है। इसे मनाने से महिलाओं के प्रति आदर और सम्मान की भावना जाग्रत होती है। यह दिन हमें यह याद दिलाता है कि महिलाओं में भी देवी शक्ति का वास होता है।
- सकारात्मक ऊर्जा और शांति की प्राप्ति: मासिक दुर्गाष्टमी के दिन व्रत और पूजा करने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और मानसिक शांति प्राप्त होती है। विशेषकर जो लोग मनोवैज्ञानिक तनाव या परेशानियों का सामना कर रहे हैं, उन्हें इस दिन पूजा करने से शांति मिलती है।
- आध्यात्मिक उन्नति: मासिक दुर्गाष्टमी का व्रत रखने से आध्यात्मिक उन्नति होती है। इस दिन व्रत रखने वाले लोग आत्म-संयम, साधना और भक्ति के माध्यम से अपने जीवन को शुद्ध करते हैं और मोक्ष की ओर अग्रसर होते हैं।
- संकटों से मुक्ति: ऐसी मान्यता है कि मासिक दुर्गाष्टमी का व्रत करने से भक्तों के सभी संकटों का नाश होता है। यह व्रत जीवन में आने वाले बाधाओं और रोगों से मुक्ति दिलाता है और भक्तों के जीवन में सुख-शांति लाता है।
पूजा विधि: इस दिन प्रातः स्नान करके साफ वस्त्र पहनें और माँ दुर्गा की मूर्ति या तस्वीर के सामने दीप, अगरबत्ती जलाकर पूजा करें। दुर्गा चालीसा, दुर्गा सप्तशती या दुर्गा स्तुति का पाठ करना भी शुभ माना जाता है। भक्त फल, फूल और मिष्ठान्न का भोग अर्पित करते हैं और अंत में आरती करते हैं।
मासिक दुर्गाष्टमी का व्रत और पूजा न केवल आध्यात्मिक दृष्टि से लाभकारी है, बल्कि इससे शारीरिक और मानसिक ऊर्जा भी प्राप्त होती है।