
शनि दोष निवारण के लिए व्रत कैसे करें?
शनि दोष अगर कुंडली में हो, तो व्यक्ति को जीवन में संघर्ष, बाधाएं, आर्थिक तंगी, कोर्ट-कचहरी के मामले, दुर्घटनाएं आदि का सामना करना पड़ता है। ऐसे में शनि देव का व्रत करना और उन्हें प्रसन्न करना अत्यंत लाभकारी होता है। नीचे व्रत की संपूर्ण विधि दी गई है:
🌑 शनि दोष निवारण व्रत विधि:
🗓 व्रत का दिन:
- हर शनिवार को व्रत करें।
- विशेष रूप से शनैश्चरी अमावस्या, शनि जयंती, या साढ़े साती / ढैया के समय यह व्रत अधिक प्रभावी माना जाता है।
🌅 सुबह व्रत विधि:
- स्नान करके काले वस्त्र धारण करें।
- घर या मंदिर में शनि देव की मूर्ति या चित्र स्थापित करें।
- तिल का तेल, काले तिल, काली उड़द, नीला फूल, काले कपड़े, और लोहे से बनी वस्तु चढ़ाएं।
- “ॐ शं शनैश्चराय नमः” या “ॐ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः” मंत्र का 108 बार जाप करें।
- शनि चालीसा और शनि आरती का पाठ करें।
🍽 व्रत में क्या खाएं:
- दिनभर व्रत रखें (निर्जला या फलाहार)।
- एक बार सूर्यास्त के बाद भोजन करें।
- भोजन में काले चने, काली उड़द, तिल, रोटी, और गुड़ लें। नमक से परहेज करें।
🛕 शनिवार को विशेष कार्य करें:
- काले कुत्ते, काले गाय, या कौवे को रोटी खिलाएं।
- गरीबों, वृद्धों और असहायों को तिल, तेल, काले कपड़े, लोहे के बर्तन आदि का दान करें।
- पीपल के पेड़ के नीचे दीपक जलाएं और 7 बार परिक्रमा करें।
⚠️ व्रत में क्या न करें:
- मांस-मदिरा का सेवन न करें।
- झूठ, द्वेष, गाली-गलौच और क्रोध से बचें।
- किसी को अपमानित या दुःखी न करें।
📿 महत्व:
- इस व्रत से शनि दोष शांत होता है, साढ़े साती/ढैया का प्रभाव कम होता है।
- कार्यों में बाधाएं दूर होती हैं और भाग्य में वृद्धि होती है।
- नौकरी, व्यवसाय, और स्वास्थ्य में सुधार होता है।
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शनि दोष निवारण
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