
घर पर करें भगवान जगन्नाथ की पूजा
🛕 1. मूर्ति स्थापना
- भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा जी की मूर्तियाँ लकड़ी या धातु की हो सकती हैं।
- उन्हें घर के पूजन स्थल में पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुख करके रखें।
🧹 2. पूजा स्थल की सफाई
- सबसे पहले पूजा स्थान को अच्छे से साफ करें।
- स्वयं स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
🪔 3. दीप और धूप जलाएं
- एक दीपक (घी या तेल का) जलाएं।
- अगरबत्ती या धूपबत्ती लगाएं।
🥥 4. पूजन सामग्री तैयार करें
- फूल (विशेषतः माला), चंदन, अक्षत (चावल), दूर्वा, भोग (खीर, फल, या छप्पन भोग से जुड़ा कोई प्रसाद)
- जल से भरा कलश, पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद, शक्कर)
🛐 5. संकल्प और ध्यान
- हाथ में जल लेकर संकल्प लें — “मैं आज भगवान जगन्नाथ की पूजा श्रद्धा से कर रहा हूँ…”
- आंखें बंद कर भगवान जगन्नाथ का ध्यान करें।
📿 6. मंत्र और स्तुति
- नीचे दिए गए मंत्र का जप करें: “ॐ नमो भगवते जगन्नाथाय”
- जगन्नाथ अष्टकम, चालीसा या विष्णु सहस्रनाम का पाठ भी किया जा सकता है।
🍛 7. भोग अर्पण
- घर में बनी खीर, फल, मिष्ठान्न आदि भगवान को अर्पण करें।
- भोग अर्पण के बाद घंटी बजाकर आरती करें।
🔥 8. आरती करें
- आरती “जय जगन्नाथ स्वामी” गाएं या पढ़ें।
- दीपक को भगवान के समक्ष 3, 5 या 7 बार घुमाएं।
🙏 9. प्रार्थना और क्षमा याचना
- अंत में भगवान से मनोकामना करें और यदि कोई त्रुटि हुई हो तो क्षमा याचना करें।
🍽️ 10. प्रसाद वितरण
- भोग को सभी घर के सदस्यों में प्रसाद रूप में वितरित करें।
🙌 महत्वपूर्ण सुझाव
- भगवान जगन्नाथ की पूजा हर दिन की जा सकती है, विशेषतः आषाढ़ मास में और रथ यात्रा के दिन इसका विशेष महत्व है।
- हर गुरुवार को भी पूजा करना शुभ माना जाता है।
यहाँ भगवान जगन्नाथ की पूजा में प्रयुक्त आवश्यक मंत्र और स्तोत्र दिए गए हैं, जिन्हें आप घर पर पूजन के दौरान श्रद्धा से पढ़ सकते हैं:
🔱 1. ध्यान मंत्र
पूजा से पहले भगवान का ध्यान करते हुए यह मंत्र बोलें:
ॐ शान्ताकारं भुजगशयनं पद्मनाभं सुरेशं।
विश्वाधारं गगनसदृशं मेघवर्णं शुभाङ्गम्॥
लक्ष्मीकान्तं कमलनयनं योगिभिर्ध्यानगम्यम्।
वन्दे विष्णुं भवभयहरं सर्वलोकैकनाथम्॥
🙏 2. बीज मंत्र
ॐ नमो भगवते जगन्नाथाय
यह मंत्र पूजन के दौरान बार-बार जप सकते हैं। यह भगवान जगन्नाथ के प्रति पूर्ण समर्पण का प्रतीक है।
📿 3. जगन्नाथ अष्टकम्
यह श्री आदि शंकराचार्य द्वारा रचित प्रसिद्ध स्तोत्र है। इसका पाठ भगवान जगन्नाथ को अत्यंत प्रिय है।
🔸 प्रथम श्लोक:
कदाचित् कालिन्दी-तट-विपिन-सङ्गीत-करतो
मुदाभीरि-नारी-वर-सदसि यथासिन्धु-रत्नः।
स्मरारिर्नः स्नेह-स्नपित-चरनो नीलशिखरः
परं ब्रह्म पुरुषं जगन्नाथं नतोऽस्मि॥
(ऐसे कुल 8 श्लोक होते हैं।
🕉 4. विष्णु गायत्री मंत्र (भगवान जगन्नाथ विष्णु के ही अवतार हैं)
ॐ नारायणाय विद्महे
वासुदेवाय धीमहि
तन्नो विष्णुः प्रचोदयात्॥
🌺 5. आरती – जय जगन्नाथ स्वामी की आरती
जय जगन्नाथ स्वामी, नयन-पथ-गामी भवतु मे॥
भक्तजन-वत्सल, भक्तार्ति-हारी, भक्त-सुख-दाता तुम ही॥
रथ चढ़े जब नगर में निकले, दर्शन को लाखों नर-नारी॥
शंख-ध्वनि बजे, घंटा ध्वनि बजे, मंगल गीतन की धारा बहे॥
जय जगन्नाथ स्वामी…॥
📖 6. श्री विष्णु सहस्रनाम
यदि समय हो, तो भगवान जगन्नाथ की पूजा में विष्णु सहस्रनाम का पाठ करना अति फलदायक माना गया है।
2025 में श्री जगन्नाथ जी की रथ यात्रा कब है?
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