
शुक्रवार व्रत की आसान पूजा विधि और लाभ नीचे दिए गए हैं:
🌸 शुक्रवार व्रत की पूजा विधि (साधारण विधि)
1. व्रत का संकल्प:
- प्रातः स्नान करके साफ वस्त्र पहनें (सफेद या गुलाबी रंग शुभ माने जाते हैं)।
- घर के पूजास्थल को स्वच्छ करके देवी लक्ष्मी की मूर्ति या चित्र स्थापित करें।
- व्रत का संकल्प लें: “मैं श्रद्धा और भक्ति से शुक्रवार व्रत करूंगा/करूंगी।”
2. पूजा सामग्री:
- सफेद फूल, गुलाबी फूल
- खीर या मिठाई (खासकर चावल से बनी)
- दीपक, अगरबत्ती
- अक्षत, चंदन, रोली
- सफेद कपड़ा
- द्रव्य (चढ़ावे के लिए कुछ सिक्के)
3. पूजा विधि:
- दीपक जलाकर माता लक्ष्मी का ध्यान करें।
- रोली और चावल से तिलक करें।
- फूल, प्रसाद, द्रव्य आदि अर्पित करें।
- श्री लक्ष्मी अष्टोत्तर शतनामावली या श्रीसूक्त का पाठ करें (या “ॐ श्रीं श्रीये नमः” मंत्र का 108 बार जप करें)।
- खीर या मिठाई का भोग लगाएं।
- अंत में आरती करें — “जय लक्ष्मी माता” की।
4. कथा श्रवण:
- शुक्रवार व्रत की कथा सुनें या पढ़ें। इसे बिना कथा के अधूरा माना जाता है।
5. व्रत का पारण:
- व्रती दिनभर व्रत रख सकता है (निर्जल, फलाहार या एक समय भोजन)।
- संध्या के बाद व्रत का पारण करें (भोजन करें)।
🌺 शुक्रवार व्रत के लाभ
- माता लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है।
- घर में सुख-समृद्धि, धन-धान्य की वृद्धि होती है।
- विवाह संबंधी बाधाएं दूर होती हैं — कुंवारी कन्याओं के लिए विशेष फलदायी।
- दांपत्य जीवन में प्रेम और सामंजस्य बढ़ता है।
- घर में दरिद्रता, कलह या नकारात्मक ऊर्जा का नाश होता है।
- शुक्रवार व्रत की आसान पूजा विधि और लाभ