
तुलसी जी के पास दीप जलाना एक महत्वपूर्ण धार्मिक क्रिया मानी जाती है। इसे एक प्रकार से पूजा का हिस्सा भी माना जाता है, जो घर में सुख, समृद्धि और शांति का वास करने के लिए किया जाता है। तुलसी जी के पास दीप जलाने के निम्नलिखित विधि से करें:
1. स्वच्छता बनाए रखें:
- सबसे पहले यह सुनिश्चित करें कि जहाँ आप तुलसी जी के पौधे के पास दीप जलाने जा रहे हैं, वहां का स्थान स्वच्छ और पवित्र हो। यदि आपके पास तुलसी का पौधा घर के आंगन या बगीचे में हो, तो उस स्थान को अच्छे से साफ करें।
2. पानी चढ़ाएं:
- तुलसी जी के पास दीप जलाने से पहले, तुलसी के पौधे में जल चढ़ाना जरूरी है। एक ताम्बे या पीतल के लोटे में पानी लेकर तुलसी की जड़ में चढ़ाएं। यह क्रिया पवित्रता और सकारात्मक ऊर्जा का संचार करती है।
3. दीपक तैयार करें:
- एक मिट्टी के दीपक में घी या तेल भरें। अगर आप घी का उपयोग करते हैं, तो यह बहुत लाभकारी माना जाता है। दीपक में बत्तियां लगाकर ठीक से फिट कर लें।
4. सकारात्मक वातावरण तैयार करें:
- दीपक जलाने से पहले तुलसी के पौधे के पास थोड़ा सा चंदन या अगरबत्ती भी जलाएं। इससे वातावरण में पवित्रता और शांति बनी रहती है। अगरबत्ती का धुंआ सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ाता है।
5. दीपक जलाएं:
- दीपक को सही से जलाएं और यह सुनिश्चित करें कि दीपक पूरी तरह से जलता रहे। दीपक को तुलसी के पौधे के पास रखे, ताकि उसकी ज्योति तुलसी जी के सामने रहे।
6. प्रार्थना और भक्ति:
- दीपक जलाने के बाद तुलसी जी के सामने हाथ जोड़कर मन से प्रार्थना करें। आप तुलसी पूजन मंत्र या निम्नलिखित मंत्र का जाप कर सकते हैं:“ॐ तुलसी देवि नमः”या फिर आप अपनी श्रद्धा अनुसार कोई भी मंत्र या श्लोक पढ़ सकते हैं।
7. दीपक का संरक्षण:
- दीपक को तब तक जलने दें जब तक वह स्वयं न बुझ जाए। यदि रात में दीपक जलाना है, तो इसे रात भर जलने के लिए छोड़ सकते हैं, ताकि घर में सकारात्मक ऊर्जा बनी रहे।
8. समाप्ति:
- पूजा के बाद दीपक को सावधानी से बुझाकर, तुलसी के पौधे को प्रणाम करें। इसके बाद तुलसी के पत्ते की पूजा कर सकते हैं और तुलसी की आरती भी गा सकते हैं।
महत्व: तुलसी के पास दीप जलाने से घर में समृद्धि और शांति का वास होता है। यह धार्मिक और आध्यात्मिक शुद्धता का प्रतीक है और घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है।