
शुक्रोदय पूर्व व्रत का अर्थ है शुक्र ग्रह के उदय से पहले किया जाने वाला व्रत। यह व्रत ज्योतिषीय और धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण माना जाता है। शुक्र ग्रह को सुख, वैभव, समृद्धि, सौंदर्य, प्रेम और कला का कारक माना जाता है।
शुक्रोदय पूर्व व्रत का महत्व
- इस व्रत को करने से दांपत्य जीवन में सुख और प्रेम बना रहता है।
- आर्थिक स्थिति में सुधार होता है और समृद्धि प्राप्त होती है।
- जिन लोगों की कुंडली में शुक्र कमजोर होता है, वे इस व्रत को करके शुभ फल प्राप्त कर सकते हैं।
- विवाह में आ रही बाधाओं को दूर करने के लिए भी यह व्रत किया जाता है।
व्रत विधि
- स्नान और संकल्प: प्रातः स्नान कर के स्वच्छ वस्त्र धारण करें और व्रत का संकल्प लें।
- भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा करें: सफेद वस्त्र, चंदन, पुष्प, धूप और दीप से पूजा करें।
- शुक्र ग्रह के मंत्र का जाप करें:
- ॐ द्रां द्रीं द्रौं सः शुक्राय नमः।
- सफेद वस्त्र और चावल का दान करें: यह शुक्र ग्रह को प्रसन्न करने के लिए उत्तम उपाय है।
- फलाहार या उपवास: इस दिन सफेद वस्तुओं का सेवन करें, जैसे दूध, चावल, मिश्री आदि।
- शुक्रवार को विशेष रूप से देवी लक्ष्मी की पूजा करें और व्रत कथा सुनें।
उपाय
- रत्न: शुक्र ग्रह की कृपा प्राप्त करने के लिए हीरा या ओपल धारण करें।
- दान: चावल, दूध, सफेद वस्त्र, मिश्री और सुगंधित पदार्थों का दान करें।
- मंत्र जाप: प्रतिदिन शुक्र ग्रह के मंत्रों का जाप करें।
शुक्रोदय पूर्व व्रत करने से लाभ
- वैवाहिक जीवन में प्रेम और सुख बढ़ता है।
- आर्थिक स्थिति मजबूत होती है।
- शुक्र ग्रह के अशुभ प्रभाव कम होते हैं।
- सौंदर्य, आकर्षण और कला के क्षेत्र में सफलता मिलती है।
यदि आपको कुंडली में शुक्र से संबंधित कोई समस्या हो, तो यह व्रत विशेष लाभकारी हो सकता है।
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