
2025 सावन (श्रावण माह)का पहला सोमवार कब है
सावन मास (श्रावण माह) हिन्दू पंचांग के अनुसार श्रावण शुक्ल या कृष्ण पक्ष से आरंभ होता है। वर्ष 2025 में सावन मास की शुरुआत 10 जुलाई 2025, गुरुवार से हो रही है, और इसका पहला सोमवार 14 जुलाई 2025 को पड़ेगा।
✅ 2025 में सावन के सोमवार की तिथियाँ:
- पहला सोमवार: 14 जुलाई 2025
- दूसरा सोमवार: 21 जुलाई 2025
- तीसरा सोमवार: 28 जुलाई 2025
- चौथा सोमवार: 4 अगस्त 2025
- पाँचवाँ सोमवार (अधिक मास की वजह से): 11 अगस्त 2025
- छठा सोमवार (यदि पूर्ण मास मानें): 18 अगस्त 2025
🌿 वर्ष 2025 में अधिक मास (पुरुषोत्तम मास) आने से सावन में अधिक सोमवार होंगे।
🕉️ सावन सोमवार व्रत पूजा विधि (Puja Vidhi)
🧘♀️ प्रातः काल की तैयारी:
- ब्रह्म मुहूर्त में उठें, स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
- घर के मंदिर या किसी शिव मंदिर में जाएं।
- व्रत का संकल्प लें – “ॐ नमः शिवाय” का जाप करते हुए।
🪔 पूजा सामग्री:
- बेल पत्र (3 पत्तियों वाला)
- दूध, दही, शहद, घी, गंगाजल (पंचामृत के लिए)
- भस्म (विभूति)
- सफेद फूल (धतूरा, आक, कनेर भी चलेगा)
- फल व मिठाई (प्रसाद हेतु)
- दीपक, धूपबत्ती
- जल से भरा लोटा
🙏 पूजा विधि (Step-by-step):
- शिवलिंग पर जलाभिषेक करें – सबसे पहले गंगाजल से और फिर पंचामृत से अभिषेक करें।
- बेल पत्र अर्पण करें – “ॐ नमः शिवाय” मंत्र के साथ बेलपत्र चढ़ाएं (बेलपत्र पर चक्र और डंठल न हो)।
- धतूरा, आक, फल, फूल अर्पण करें।
- दीप और धूप जलाकर आरती करें।
- शिव चालीसा, महामृत्युंजय मंत्र, रुद्राष्टक आदि का पाठ करें।
- व्रत कथा सुनें/पढ़ें।
- प्रसाद बांटें और खुद ग्रहण करें।
📿 उपवास (व्रत):
- पूरे दिन फलाहार लें – फल, दूध, साबूदाना, मखाना आदि।
- शाम को फिर से पूजा करके व्रत खोलें।
- यदि निर्जल व्रत संभव हो, तो सर्वोत्तम है।
🌿 श्रावण मास से लाभ (लाभ)
यहाँ श्रावण माह में पूजा, व्रत, साधना आदि करने से होने वाले 20 लाभ दिए गए हैं:
🔱 आध्यात्मिक लाभ
- भगवान शिव की विशेष कृपा प्राप्त होती है।
- रुद्राभिषेक करने से मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
- शिवलिंग पर जल, दूध, बेलपत्र अर्पित करने से पापों का क्षय होता है।
- आत्मिक शांति और ध्यान की गहराई बढ़ती है।
- भय, शोक और दु:खों से मुक्ति मिलती है।
🧘♀️ शारीरिक और मानसिक लाभ
- व्रत और सात्विक आहार से शरीर की शुद्धि होती है।
- डिटॉक्स प्रक्रिया में सहायक (विशेषकर उपवास करने से)।
- मानसिक तनाव, चिंता, क्रोध आदि में कमी आती है।
- योग और ध्यान से चित्त स्थिर होता है।
- रात्रिकालीन शिव जाप से नींद की गुणवत्ता में सुधार।
🕉 धार्मिक एवं कर्मफल लाभ
- श्रावण सोमव्रत रखने से उत्तम जीवनसाथी प्राप्त होता है (विशेषकर कन्याओं के लिए)।
- गृहस्थ जीवन में शांति और सामंजस्य बढ़ता है।
- धर्म, दान, सेवा आदि से पुण्यफल में वृद्धि।
- पितृ दोष, कालसर्प योग, ग्रह पीड़ा आदि के शमन में सहायक।
- शिव पुराण वाचन से कुल दोषों का नाश होता है।
💫 सामाजिक और सांस्कृतिक लाभ
- समाज में धार्मिक गतिविधियों से जुड़ाव बढ़ता है।
- भजन-कीर्तन, कथा, सत्संग से सांस्कृतिक समरसता बढ़ती है।
- श्रावणी (राखी पर्व) से भाई-बहन का स्नेह मजबूत होता है।
- जल संरक्षण और हरियाली के लिए भी प्रेरणा मिलती है (वृक्षारोपण आदि)।
- प्रकृति से जुड़ने का अवसर मिलता है – वर्षा ऋतु के माध्यम से।
🗓 विशेष दिन
- श्रावण सोमवार व्रत (Shrawan Somwar): प्रत्येक सोमवार विशेष फलदायी।
- नाग पंचमी, रक्षाबंधन, हरियाली तीज, शिवरात्रि (श्रावण मास की) आदि पर्व भी इसी महीने में आते हैं।
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पहला सोमवार कब है
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