
हनुमान जी को संकटमोचन, अंजनीपुत्र और रामभक्त के रूप में पूजा जाता है। उनके व्रत से भक्तों को साहस, बल, बुद्धि और सभी प्रकार की बाधाओं से मुक्ति मिलती है। लेकिन व्रत शुरू करने से पहले कुछ खास बातों को जानना आवश्यक है, जिससे व्रत फलदायी और सफल हो।
🔶 1. व्रत का सही दिन चुनें
हनुमान जी का व्रत विशेष रूप से मंगलवार और शनिवार को किया जाता है। ये दोनों दिन हनुमान जी को अत्यंत प्रिय हैं। कोई भी मंगलवार से 11, 21 या 51 मंगलवार का व्रत शुरू किया जा सकता है।
🔶 2. शुद्धता और नियमों का पालन करें
व्रत के दौरान शरीर, मन और वाणी की पवित्रता बहुत ज़रूरी होती है। इस दिन ब्रह्मचर्य का पालन करना, मन को संयमित रखना और किसी की निंदा न करना अत्यंत आवश्यक है।
🔶 3. क्या खाएँ – क्या न खाएँ
- व्रत के दिन तामसिक भोजन जैसे लहसुन, प्याज, मांस-मदिरा का सेवन बिल्कुल वर्जित है।
- सात्विक आहार लें जैसे फल, दूध, मूंगदाल या व्रत का भोजन।
- कई लोग केवल फलाहार करते हैं, तो कुछ लोग एक समय भोजन लेते हैं।
🔶 4. हनुमान चालीसा और सुंदरकांड का पाठ
व्रत के दिन हनुमान चालीसा, बजरंग बाण, हनुमान अष्टक और सुंदरकांड का पाठ करने से विशेष फल मिलता है। इससे मानसिक बल और आत्मविश्वास बढ़ता है।
🔶 5. हनुमान जी की पूजा विधि
- सुबह स्नान करके लाल वस्त्र पहनें।
- हनुमान जी की मूर्ति या चित्र के समक्ष दीपक जलाएँ।
- उन्हें लाल फूल, चोला, सिंदूर, और गुड़-चना अर्पित करें।
- “ॐ हनुमते नमः” या “ॐ रामदूताय नमः” मंत्र का जाप करें।
🔶 6. व्रत की नीयत करें
व्रत प्रारंभ करते समय मन में स्पष्ट संकल्प लें कि आप कितने मंगलवार/शनिवार तक यह व्रत करेंगे। यदि किसी कारण व्रत बीच में टूट जाए तो अगले सप्ताह दो व्रत करें।
🔶 7. सेवा और दान करें
हनुमान जी को सेवा भाव अत्यंत प्रिय है। व्रत के दिन जरूरतमंदों को भोजन, वस्त्र या धार्मिक पुस्तकें दान करने से पुण्य बढ़ता है।
🙏 निष्कर्ष:
हनुमान व्रत केवल एक उपवास नहीं, बल्कि आस्था, भक्ति और आत्म-संयम का प्रतीक है। यदि इसे श्रद्धा और विधिपूर्वक किया जाए, तो जीवन की हर बाधा दूर हो सकती है और मनोबल अटूट बनता है।
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