
हनुमान जी की पूजा से जीवन में शांति और सुख
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हनुमान जी की पूजा से जीवन में शांति, सुख और समृद्धि प्राप्त होती है। हनुमान जी को संकटमोचन कहा जाता है क्योंकि उनकी भक्ति से हर प्रकार की समस्या और दुख दूर हो जाते हैं। इस वीडियो में जानें कैसे हनुमान जी की आराधना करने से जीवन में सकारात्मक ऊर्जा आती है और हर कार्य में सफलता मिलती है।
हनुमान चालीसा, सुंदरकांड पाठ और मंगलवार के व्रत से हनुमान जी प्रसन्न होकर भक्तों पर अपनी कृपा बरसाते हैं। जो भी श्रद्धा और भक्ति से उनकी पूजा करता है, उसके जीवन में सुख-शांति और समृद्धि आती है।
🙏 संकटमोचन हनुमान जी की पूजा से हर बाधा होगी दूर और जीवन में खुशियाँ बढ़ेंगी।
हनुमान जी की पूजा से जीवन में शांति और सुख
लाभ
- जीवन से हर प्रकार के संकट और भय का नाश होता है।
- मन को शांति और आत्मविश्वास मिलता है।
- शत्रुओं पर विजय प्राप्त होती है।
- घर में सुख-समृद्धि और सकारात्मक ऊर्जा आती है।
- शनि दोष और ग्रह बाधाएँ दूर होती हैं।
महत्व (Significance)
- हनुमान जी को संकटमोचन कहा जाता है, उनकी पूजा से हर कठिनाई दूर होती है।
- यह पूजा मानसिक और आध्यात्मिक शक्ति प्रदान करती है।
- भक्त के जीवन में साहस, बल और धैर्य का संचार होता है।
- जीवन की बाधाएँ और दुख समाप्त होकर सफलता मिलती है।
शिक्षा (Teachings)
- हमें जीवन में निडर और परोपकारी बनने की प्रेरणा मिलती है।
- सच्ची श्रद्धा और भक्ति से ही भगवान को प्रसन्न किया जा सकता है।
- हनुमान जी की पूजा से संयम, सत्य और धर्म का पालन करने की प्रेरणा मिलती है।
विधि (Puja Vidhi)
- सुबह स्नान करके स्वच्छ वस्त्र पहनें।
- पूजा स्थान पर हनुमान जी की मूर्ति/चित्र स्थापित करें।
- दीपक जलाकर पूजा आरंभ करें।
- सिंदूर, चोला और चमेली का तेल अर्पित करें।
- हनुमान चालीसा और सुंदरकांड का पाठ करें।
- आरती और प्रसाद अर्पित करके पूजा पूर्ण करें।
पूजा सामग्री (Samagri)
- दीपक और घी/तेल
- सिंदूर और चोला
- चमेली का तेल और पुष्प
- पान और सुपारी
- गुड़ और बेसन के लड्डू (भोग हेतु)
- हनुमान चालीसा और सुंदरकांड ग्रंथ
पूजा करने के उपाय (Upay)
- मंगलवार और शनिवार को हनुमान जी का विशेष पूजन करें।
- शनि दोष से मुक्ति के लिए हनुमान जी को चमेली का तेल और सिंदूर अर्पित करें।
- कष्ट निवारण के लिए हनुमान चालीसा का नियमित पाठ करें।
- कठिन परिस्थितियों से छुटकारा पाने हेतु सुंदरकांड का पाठ करें।
- संकट से मुक्ति पाने के लिए “ॐ हनुमते नमः” मंत्र का जप करें।
हनुमान जी की पूजा विधि
1. तैयारी
- सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और साफ़ वस्त्र पहनें।
- पूजा स्थान को स्वच्छ करें और वहाँ लाल कपड़ा बिछाएँ।
2. स्थापना
- हनुमान जी की मूर्ति या चित्र को पूजा स्थान पर रखें।
- पास में दीपक और धूप जलाएँ।
3. संकल्प
- हाथ में जल, फूल और अक्षत लेकर हनुमान जी की पूजा का संकल्प लें।
- मन में अपनी इच्छा और उद्देश्य स्पष्ट करें।
4. पूजन क्रम
- दीप प्रज्वलित करें – घी/तेल का दीपक जलाएँ।
- अभिषेक – गंगाजल या स्वच्छ जल से मूर्ति पर छिड़काव करें।
- आसन अर्पण – फूल या अक्षत से आसन अर्पित करें।
- गंध, अक्षत और पुष्प चढ़ाएँ।
- सिंदूर और चमेली का तेल अर्पित करें – यह हनुमान जी का प्रिय है।
- भोग अर्पित करें – गुड़, बेसन के लड्डू या फल चढ़ाएँ।
- पाठ करें – हनुमान चालीसा, बजरंग बाण या सुंदरकांड का पाठ करें।
- आरती करें – हनुमान जी की आरती करके पूजा पूर्ण करें।
5. समापन
- सभी को प्रसाद वितरित करें।
- अंत में “ॐ हनुमते नमः” मंत्र का 11 बार जप करें।
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