
सूर्य देव की कृपा पाने का शक्तिशाली मंत्र
सूर्य देव (Lord Surya) को वैदिक परंपरा में “जगत् के साक्षी”, “जीवनदाता” और “ऊर्जा के स्रोत” के रूप में माना गया है। वे नौ ग्रहों में सर्वोच्च स्थान रखते हैं और आत्मबल, स्वास्थ्य, तेज, आत्मविश्वास, सफलता, प्रतिष्ठा तथा राजसत्ता के कारक देवता माने जाते हैं।
🌞 १. आदित्य हृदय स्तोत्र (Aditya Hridaya Stotra)
यह सबसे प्रभावशाली सूर्य स्तोत्र है। इसका उल्लेख वाल्मीकि रामायण के युद्धकांड में आता है, जहाँ ऋषि अगस्त्य ने भगवान श्रीराम को इसे सुनाया था।
इसका पाठ करने से जीवन में नकारात्मकता, भय और दुर्भाग्य दूर होते हैं।
🔸 मुख्य श्लोक (आरंभिक भाग)
आदित्य हृदयं पुण्यं सर्व शत्रु विनाशनम्।
जयावहं जपेन्नित्यं अक्षय्यं परमं शिवम्॥
🔹 लाभ
- शत्रु, रोग, भय और उदासी दूर होती है।
- आत्मविश्वास, निर्णयशक्ति और कार्यसिद्धि में वृद्धि होती है।
- सूर्य की कृपा से राजयोग और प्रतिष्ठा प्राप्त होती है।
🔹 पाठ-विधि
- रविवार के दिन, सूर्योदय से पहले स्नान करें।
- शुद्ध वस्त्र धारण करें (संभव हो तो लाल या केसरिया)।
- पूर्व दिशा की ओर मुख करके, जल में सूर्य का प्रतिबिंब देखकर अर्घ्य दें।
- इसके बाद सूर्य देव के समक्ष आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ करें।
- अंत में प्रार्थना करें – “सर्वे भवन्तु सुखिनः”।
🌞 २. सूर्य गायत्री मंत्र
यह अत्यंत शक्तिशाली और संक्षिप्त मंत्र है, जो वेदों में वर्णित है।
सूर्य की आध्यात्मिक शक्ति से आत्मा और बुद्धि का जागरण होता है।
🔸 मंत्र:
ॐ भास्कराय विद्महे
महातेजाय धीमहि।
तन्नो आदित्यः प्रचोदयात्॥
🔹 अर्थ:
“हे भास्कर (सूर्य), हम तेरे तेज का ध्यान करते हैं; तू हमारी बुद्धि को प्रकाशित कर।”
🔹 लाभ:
- आत्मबल, एकाग्रता और मानसिक शांति बढ़ती है।
- शिक्षा, करियर और नेतृत्व के क्षेत्र में सफलता मिलती है।
- नेत्रज्योति (आंखों की रोशनी) और पाचनशक्ति सुधरती है।
🌞 ३. बीज मंत्र
सूर्य देव का बीज मंत्र अत्यंत संक्षिप्त परंतु ऊर्जावान है।
🔸 मंत्र:
ॐ ह्रां ह्रीं ह्रौं सः सूर्याय नमः॥
🔹 विधि:
- रविवार को या प्रतिदिन सूर्योदय के समय ११, २१ या १०८ बार जप करें।
- जल में लाल फूल, गुड़, चावल मिलाकर सूर्य को अर्घ्य दें।
- मन में सूर्य के तेजस्वी स्वरूप का ध्यान करें — स्वर्णिम प्रभा, सात घोड़ों वाला रथ और किरणों का मुकुट।
🔹 लाभ:
- कार्य में सफलता, ऊर्जा, स्वास्थ्य और प्रखर व्यक्तित्व की प्राप्ति।
- राजकीय कार्यों में विजय और सरकारी पदों में उन्नति।
🌞 ४. अर्घ्य देने की सही विधि
- तांबे के लोटे में जल लें।
- उसमें लाल चंदन, अक्षत (चावल), लाल फूल, गुड़ या शक्कर मिलाएँ।
- सूर्य की ओर मुख कर “ॐ सूर्याय नमः” कहते हुए जल अर्पण करें।
- सूर्य के प्रकाश में कुछ क्षण ध्यान करें — “यह प्रकाश मेरे जीवन को प्रकाशित करे।”
🌞 ५. विशेष उपाय सूर्य कृपा के लिए
- रविवार को उपवास या अन्न-त्याग करें (फलाहार)।
- तांबे के पात्र में जल पीएँ।
- गरीबों को लाल वस्त्र, गेहूँ, गुड़, तांबा, और नारियल दान करें।
- रोज़ सुबह सूर्य की किरणों में कम से कम 5–10 मिनट खड़े होकर ध्यान करें।
🌞 ६. निष्कर्ष
सूर्य देव की उपासना सदाचार, सत्य, और प्रकाश का प्रतीक है।
जो व्यक्ति नियमित रूप से सूर्य मंत्र का जप, अर्घ्य और ध्यान करता है, उसे
दीर्घायु, स्वास्थ्य, आत्मबल और तेजस्विता प्राप्त होती है।
किन लोगों को रविवार का व्रत नहीं रखना चाहिए?