
सावन सोमवार रुद्राभिषेक विधि (पूर्ण विधि):
1. तैयारी:
- प्रातः स्नान करें और साफ़ वस्त्र धारण करें (सफेद या हल्के रंग के वस्त्र श्रेष्ठ माने जाते हैं)।
- घर के पूजा स्थान को स्वच्छ करें।
- शिवलिंग या शिव जी की प्रतिमा स्थापित करें (अगर मंदिर जाना हो, तो वही श्रेष्ठ है)।
🌸 2. पूजन सामग्री:
सामग्री | उपयोग |
---|---|
गंगाजल | अभिषेक में |
कच्चा दूध | रुद्राभिषेक में |
दही | रुद्राभिषेक में |
शहद | रुद्राभिषेक में |
घी | रुद्राभिषेक में |
पंचामृत | इन पांचों से तैयार करें |
बेलपत्र | अर्पण हेतु |
धतूरा, भांग | शिव प्रिय वस्तु |
सफेद चंदन | तिलक हेतु |
फूल, माला | पूजन हेतु |
अक्षत (चावल) | पूजन हेतु |
कपूर, धूप, दीपक | आरती हेतु |
🔱 3. रुद्राभिषेक विधि (क्रम अनुसार):
➤ शिवलिंग का जल से शुद्धिकरण:
सबसे पहले गंगाजल से शिवलिंग को स्नान कराएँ, यह पवित्रता के लिए आवश्यक है।
➤ पंचामृत स्नान (रुद्राभिषेक):
अब शिवलिंग का पंचामृत से रुद्राभिषेक करें:
- दूध (शुद्ध गाय का दूध श्रेष्ठ)
- दही
- शहद
- घी
- गंगाजल (सभी मिश्रित कर सकते हैं, या अलग-अलग भी अर्पित कर सकते हैं)
👉 पंचामृत अर्पण करते समय मंत्र बोलें:
“ॐ नमः शिवाय”
“ॐ त्र्यंबकं यजामहे…” (महामृत्युंजय मंत्र)
➤ गंगाजल से पुनः स्नान:
अब पुनः गंगाजल से स्नान कराएं।
🌿 4. पूजन व अर्पण:
- बेलपत्र अर्पित करें (त्रिपत्र युक्त हो, पत्तियों पर ‘ॐ नमः शिवाय’ बोलते हुए चढ़ाएँ)।
- धतूरा, भांग अर्पित करें।
- फूल, माला अर्पित करें।
- सफेद चंदन का तिलक करें।
- अक्षत (चावल) अर्पित करें।
- दीपक व धूप जलाकर आरती करें।
🕉️ 5. मंत्र जप व स्तुति:
कम से कम 108 बार “ॐ नमः शिवाय” का जप करें।
इसके बाद नीचे दिए गए मंत्रों का जप करें:
महामृत्युंजय मंत्र:
ॐ त्र्यंबकं यजामहे सुगंधिं पुष्टिवर्धनम्।
उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात्॥
रुद्राष्टक स्तोत्र (यदि संभव हो तो पाठ करें):
नमामीशमीशान निर्वाणरूपं…
📖 6. व्रत कथा श्रवण (अवश्य करें):
सावन सोमवार की व्रत कथा सुनें या पढ़ें, यह पूजा का अनिवार्य अंग है। कथा के बाद शिव जी की जयकार करें।
🎁 7. व्रत पूर्ण होने पर:
- अंत में शिवजी से व्रत सफल होने की प्रार्थना करें।
- गरीबों, ब्राह्मणों, गायों को भोजन, वस्त्र, धन आदि दान करें।
- दिनभर फलाहार रखें, रात्रि में फल या हल्का सात्विक भोजन करें।
🔱 विशेष नियम:
- व्रत के दौरान क्रोध, झूठ, बुरे विचार व अपवित्रता से बचें।
- केवल सात्विक आहार लें।
- व्रत का संकल्प सावन मास के पहले सोमवार को कर सकते हैं (अगर पूरा मास व्रत रखना हो)।
🌟 रुद्राभिषेक का फल:
- संतान सुख, वैवाहिक जीवन की बाधा दूर होती है।
- मनोकामना पूर्ति।
- स्वास्थ्य लाभ व रोगों से मुक्ति।
- जीवन में शांति व सुख-समृद्धि का वास होता है।
- मृत्यु भय व आकस्मिक संकट टलते हैं।
रुद्राभिषेक विधि
रुद्राभिषेक विधि
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