
सावन में शिवलिंग पर कौन सा फूल चढ़ना चाहिए
सावन मास भगवान शिव की आराधना के लिए अत्यंत शुभ और फलदायी माना जाता है। इस पावन महीने में भक्त शिवलिंग पर जल, बेलपत्र, पुष्प आदि चढ़ाकर भगवान शिव को प्रसन्न करते हैं। विशेष रूप से सावन सोमवार के दिन पूजा करने से मनोकामनाएं शीघ्र पूर्ण होती हैं। लेकिन शिव पूजा में फूलों का अत्यंत महत्व है, और यह जानना आवश्यक है कि कौन-कौन से फूल शिवलिंग पर चढ़ाने चाहिए और कौन से नहीं।
🌺 सावन में शिवलिंग पर चढ़ाने योग्य फूलों की पूरी जानकारी
1. धतूरा (Datura)
- धतूरा भगवान शिव को अत्यंत प्रिय फूल माना गया है।
- यह विषैला फल होता है, जिसे भगवान शिव ने समुद्र मंथन के समय विषपान के रूप में स्वीकार किया था।
- यह उनके विष भरण के प्रतीक के रूप में चढ़ाया जाता है।
- धतूरा चढ़ाने से शत्रु बाधा, भय, और रोग समाप्त होते हैं।
2. बेलपत्र (Bilva Patra)
- बेलपत्र शिव पूजा का प्रमुख अंग है।
- यह त्रिपत्र (तीन पत्तों वाला) होना चाहिए, जो त्रिदेवों या त्रिनेत्र का प्रतीक माना जाता है।
- शास्त्रों में कहा गया है कि –
“बिल्वपत्रं त्रिदलं त्रिनेत्रं, शूलधारिणं शंकरप्रियं।” - बेलपत्र चढ़ाने से पापों का नाश होता है और धन, स्वास्थ्य और मोक्ष की प्राप्ति होती है।
3. अकौड़े का फूल और पत्ता (Aak ke Phool)
- अकौड़ा का फूल और पत्ते शिव जी को बहुत पसंद हैं।
- यह एक वनस्पति है जो वीर्यवर्धक, औषधीय गुणों से भरपूर मानी जाती है।
- यह विशेष रूप से सावन में शिवलिंग पर चढ़ाने से शीघ्र फल प्राप्त होता है।
4. कणेर का फूल (Kaner)
- सफेद, पीले या लाल कणेर के फूल शिवलिंग पर चढ़ाए जाते हैं।
- यह फूल शुद्धता का प्रतीक होता है और इसे चढ़ाने से मन की शांति और आरोग्य मिलता है।
5. कमल का फूल (Lotus)
- कमल का फूल बहुत ही शुभ माना गया है।
- विशेष रूप से लक्ष्मी और शिव पार्वती पूजन में इसका उपयोग होता है।
- इससे मनोकामना पूर्ति और आर्थिक लाभ मिलता है।
6. नीलकमल (Blue Lotus)
- यह दुर्लभ होता है और शिव को चढ़ाने से विशेष फल की प्राप्ति होती है।
- यह शिव और शक्ति के मिलन का प्रतीक माना जाता है।
7. गुलाब (Rose)
- गुलाब का फूल भगवान शिव को प्रेम और भक्ति के साथ अर्पित किया जाता है।
- यह मन को शुद्ध करता है और आंतरिक प्रसन्नता का प्रतीक है।
8. कुशा घास (Kusha Grass)
- यह धार्मिक क्रियाओं में अत्यंत पवित्र मानी जाती है।
- शिवलिंग पर कुशा अर्पण करने से पूर्वज दोष और पितृदोष समाप्त होते हैं।
🚫 शिवलिंग पर ये फूल न चढ़ाएं:
1. तुलसी (Tulsi)
- तुलसी माता को भगवान विष्णु को अर्पित किया जाता है।
- एक कथा के अनुसार तुलसी ने शाप दिया था कि वह शिव को नहीं चढ़ेगी।
- इसलिए शिवलिंग पर तुलसी के पत्ते नहीं चढ़ाए जाते।
2. केतकी का फूल
- एक पौराणिक कथा के अनुसार ब्रह्मा ने भगवान शिव से झूठ बोला था कि उन्होंने केतकी फूल को साक्षी बनाया था।
- तब शिव ने उसे शाप दिया कि वह कभी उनके पूजन में स्वीकार नहीं किया जाएगा।
- इसलिए केतकी का फूल शिवलिंग पर वर्जित है।
3. मूर्दा फूल या सूखे फूल
- कभी भी सूखे या गिरे हुए फूल शिवलिंग पर अर्पित नहीं करने चाहिए।
- इससे पूजा का फल नहीं मिलता और अनजाने में अपवित्रता फैलती है।
🔔 शिव पूजा में फूल अर्पित करने की विधि:
- फूल चढ़ाते समय साफ-सुथरे हाथ हों।
- फूल ताजे और सुगंधित हों, टूटे न हों।
- फूल सीधे शिवलिंग पर नहीं रखें, पहले बेलपत्र या जल चढ़ाकर अर्पित करें।
- “ॐ नमः शिवाय” मंत्र का उच्चारण करते हुए श्रद्धा से चढ़ाएं।
🌿 भक्तों के लिए विशेष सुझाव:
- सावन सोमवार को उपवास के साथ शिवलिंग पर फूल, जल, बेलपत्र और भस्म चढ़ाएं।
- शिव पुराण के अनुसार जो व्यक्ति श्रद्धा से बेलपत्र या धतूरा अर्पित करता है, उसे एक हजार यज्ञों के बराबर फल प्राप्त होता है।
- शिवलिंग पर प्रतिदिन फूल चढ़ाना संभव न हो तो केवल सोमवार को अर्पित करें।