सफला एकादशी व्रत कब है
सफला एकादशी – तारीख व तिथि
- इस वर्ष (2025) में सफला एकादशी व्रत 15 दिसंबर 2025 (सोमवार) को रखा जाएगा।
- एकादशी तिथि 14 दिसंबर की शाम करीब 6:49–8:46 बजे से शुरू होती है।
- तिथि समापन 15 दिसंबर की रात 9:19–10:09 बजे के आसपास होगा।
- इसलिए पारंपरिक अनुसार व्रत 15 दिसंबर को रखा जाता है।
नोट: अगर आपके स्थानीय पंचांग या आपके स्थान (जैसे आपका शहर — पटना) के अनुसार तिथि बदलाव हो, तो वही तिथि मानें।
सफला एकादशी का महत्व और मान्यता
- सफला एकादशी पौष मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी होती है।
- “सफला” का अर्थ है — सफलता, समृद्धि, सफलता-पूर्ण जीवन। इस दिन व्रत और पूजा करने से माना जाता है कि भगवान विष्णु की कृपा से जीवन में सुख-शांति, समृद्धि, इच्छाओं की पूर्ति होती है।
- कहा जाता है कि जिस भक्त ने श्रद्धा के साथ इस व्रत को किया, उसके सारे रुके काम बन जाते हैं, जीवन की बाधाएँ दूर होती हैं।
व्रत-कथा और पूजा-विधि (संक्षिप्त)
- इस दिन व्रत (उपवास) रखें। दिन भर भोजन का त्याग करें।
- शाम को या रात को व्रत के दौरान भगवान विष्णु — विशेषकर राजा-सम्राट भगवान नारायण — की पूजा करें।
- व्रत रखने वालों के लिए दान–पुण्य अधिक फलदायी माना जाता है: भोजन, वस्त्र या जरूरतमंदों को दान दें।
- यदि संभव हो — व्रत के दिन रात्रि जागरण (जागर) करना भी शुभ माना जाता है।
सफला एकादशी व्रत के प्रमुख लाभ
1. जीवन में सफलता और समृद्धि
“सफला” का अर्थ ही सफलता है।
यह एकादशी जीवन के सभी क्षेत्र—काम, व्यापार, करियर, शिक्षा, धन—में उन्नति दिलाने वाली मानी जाती है।
2. रुके हुए काम बनने लगते हैं
ऐसा माना जाता है कि इस व्रत से व्यक्ति के जीवन में चल रही बाधाएँ, रुकावटें और कष्ट दूर होने लगते हैं।
3. भगवान विष्णु का विशेष आशीर्वाद
व्रत-पूजा करने से भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है, जिससे मन की शांति, संतोष और परिवार में सौहार्द बढ़ता है।
4. नकारात्मकता और दुखों से मुक्ति
यह व्रत मन के क्लेश, दुख, तनाव और नकारात्मक ऊर्जा को दूर करता है तथा सकारात्मकता लाता है।
5. पापों का क्षय
धर्मग्रंथों में वर्णन है कि सफला एकादशी का व्रत पिछले जन्मों और वर्तमान जीवन के पापों को नष्ट करने वाला माना जाता है।
6. धन-लाभ व आर्थिक स्थिरता
व्यापार, नौकरी और आर्थिक स्थिति में सुधार के लिए यह एकादशी बहुत फलदायी मानी जाती है।
7. मानसिक शांति और एकाग्रता
उपवास, भजन और ध्यान से मन शांत होता है और मानसिक शक्ति बढ़ती है।
8. परिवार में सुख-शांति
व्रत करने से घर में कलह-कलेश कम होते हैं और परिवार में सौहार्द व प्रेम बढ़ता है।
9. दान करने से कई गुणा फल
सफला एकादशी पर दान—अन्न, वस्त्र, जरूरतमंदों की सहायता—बहुत शुभ माना गया है। इससे पुण्य कई गुना बढ़ता है।
10. मोक्ष और आध्यात्मिक उन्नति
जो व्यक्ति इस व्रत को श्रद्धा से करता है, उसे मोक्ष मार्ग में लाभ मिलता है।
