सफला एकादशी व्रत
सफला एकादशी व्रत
सफला एकादशी पौष मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी को मनाई जाती है। यह व्रत भगवान श्री विष्णु को समर्पित है। मान्यता है कि इस व्रत को करने से जीवन में सफलता, सुख-समृद्धि और मोक्ष की प्राप्ति होती है।
🌼 व्रत का महत्व
- पापों का नाश होता है
- रुके हुए कार्यों में सफलता मिलती है
- धन, वैभव और यश की प्राप्ति होती है
- भगवान विष्णु की विशेष कृपा प्राप्त होती है
🕉️ व्रत विधि
- एकादशी से एक दिन पहले सात्विक भोजन करें
- एकादशी के दिन प्रातः स्नान कर व्रत का संकल्प लें
- श्री विष्णु की पूजा करें – तुलसी, पीले फूल, फल अर्पित करें
- “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय” मंत्र का जाप करें
- निर्जल या फलाहार व्रत रखें
- द्वादशी के दिन व्रत का पारण करें
📖 व्रत कथा (संक्षेप)
प्राचीन काल में राजा लभ्यवंश के पुत्र लुम्पक अपने पापों के कारण वन में भटक रहे थे। उन्होंने अनजाने में सफला एकादशी का व्रत किया, जिससे उनके सभी पाप नष्ट हो गए और उन्हें पुनः राजपद व सम्मान प्राप्त हुआ। इससे इस व्रत की महिमा सिद्ध होती है।
🌺 क्या करें / क्या न करें
✔️ सत्य, संयम और भक्ति रखें
❌ तामसिक भोजन, क्रोध और झूठ से बचें
निष्कर्ष:
सफला एकादशी व्रत श्रद्धा और नियमपूर्वक करने से जीवन में सकारात्मक परिवर्तन आता है और व्यक्ति को सच्ची सफलता प्राप्त होती है।
हनुमान चालीसा पाठ एवं विस्तृत पूजा विधि
