संतोषी माता व्रत विधि – पूरी जानकारी स्टेप बाय स्टेप
जानिए संतोषी माता व्रत कथा और पूजा का महत्व। शुक्रवार के दिन संतोषी माता का व्रत कैसे करें, इसकी कथा, नियम और धार्मिक लाभ की पूरी जानकारी यहाँ पढ़ें।
🌺 संतोषी माता कौन हैं?
संतोषी माता को संतोष, शांति और समृद्धि की देवी माना जाता है।
वे उन भक्तों की रक्षक हैं जो मन में संतोष रखकर जीवन जीते हैं।
‘संतोष’ शब्द का अर्थ ही है — जिसके पास जो है, उसी में प्रसन्न रहना।
माता की पूजा करने से जीवन में सुख, समृद्धि और मानसिक शांति आती है।
🪔 संतोषी माता व्रत का महत्व
- यह व्रत मुख्यतः शुक्रवार के दिन किया जाता है।
- इसे स्त्रियाँ और पुरुष दोनों रख सकते हैं।
- माना जाता है कि जो व्यक्ति 16 शुक्रवार तक लगातार यह व्रत रखता है, उसकी सभी मनोकामनाएँ पूर्ण होती हैं।
- माता के व्रत से गरीबी, कलह और अशांति का नाश होता है।
- यह व्रत व्यक्ति को धैर्य, संतोष और आत्मविश्वास प्रदान करता है।
📖 संतोषी माता व्रत कथा (Santoshi Mata Vrat Katha)
बहुत समय पहले एक वृद्धा के सात बेटे थे। उनमें छह तो कमाने वाले थे, पर सबसे छोटा बेटा आलसी था। एक दिन उसने अपनी माँ से कहा — “माँ, मैं अपना भाग्य खोजने बाहर जाऊँगा।”
वह अपनी पत्नी को छोड़कर व्यापार करने चला गया।
उसकी पत्नी रोज़ संतोषी माता की पूजा करती थी। शुक्रवार के दिन वह उपवास रखती और माता से प्रार्थना करती — “हे माँ, मेरे पति का प्रेम मुझे प्राप्त हो।”
माता उसकी श्रद्धा से प्रसन्न हुईं और उसके पति को सफलता मिली।
वह धन और आदर के साथ घर लौटा, अपनी पत्नी से मिला और दोनों सुखपूर्वक रहने लगे।
परंतु कुछ समय बाद उसकी सौत ने ईर्ष्या में आकर खट्टा भोजन देकर व्रत भंग करा दिया। इससे माता रुष्ट हो गईं और पति फिर से दूर चला गया।
तब पत्नी ने पुनः श्रद्धा से व्रत किया, सभी नियमों का पालन किया, और माता पुनः प्रसन्न हुईं।
अंततः दोनों को समृद्धि, प्रेम और संतान का सुख प्राप्त हुआ।
इस कथा से संदेश मिलता है कि सच्ची श्रद्धा और संतोष से कोई भी कठिनाई दूर की जा सकती है।
🙏 संतोषी माता पूजा विधि (संक्षेप में)
- शुक्रवार की सुबह स्नान करके स्वच्छ लाल या गुलाबी वस्त्र पहनें।
- पूजा स्थल पर माता की मूर्ति या चित्र स्थापित करें।
- दीपक जलाएँ, अगरबत्ती लगाएँ और फूल अर्पित करें।
- गुड़ और चना का भोग लगाएँ — यह माता का प्रिय प्रसाद है।
- संतोषी माता व्रत कथा को श्रद्धा से पढ़ें या सुनें।
- व्रत के दिन खट्टा भोजन न करें, न ही किसी को दें।
- शाम को माता की आरती करें और प्रसाद बाँटें।
🌼 संतोषी माता व्रत से मिलने वाले लाभ
| लाभ | विवरण |
|---|---|
| 🏠 घर में शांति | परिवार में कलह और तनाव दूर होता है। |
| 💰 आर्थिक समृद्धि | धन की वृद्धि और आर्थिक स्थिरता आती है। |
| ❤️ वैवाहिक सुख | पति-पत्नी के बीच प्रेम और समझ बढ़ती है। |
| 🧘 मन की शांति | क्रोध, असंतोष और दुख समाप्त होते हैं। |
| 🌈 मनोकामना पूर्ति | श्रद्धा से किया गया व्रत हर इच्छा पूरी करता है। |
🌸 निष्कर्ष (Conclusion)
संतोषी माता व्रत केवल धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि सकारात्मक जीवन जीने की प्रेरणा भी है।
यह हमें सिखाता है कि सच्चा सुख बाहरी वस्तुओं में नहीं, बल्कि मन के संतोष में है।
अगर श्रद्धा और भक्ति के साथ माता की पूजा करें, तो जीवन में सुख, शांति और समृद्धि स्वयं आ जाती है।
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