
संतोषी माता की पूजा में इन 10 गलतियों से बचें
सच्ची श्रद्धा से की गई पूजा हमेशा फल देती है, लेकिन अगर कुछ नियमों का उल्लंघन हो जाए तो पूजा का फल कम भी हो सकता है। संतोषी माता की पूजा में विशेष सावधानियाँ बरतनी चाहिए ताकि माता की कृपा बनी रहे। आइए जानें 10 ऐसी गलतियाँ जिनसे आपको बचना चाहिए।
❌ 1. खट्टे खाद्य पदार्थों का सेवन करना
संतोषी माता की पूजा में खट्टा खाना वर्जित है। व्रत वाले दिन और संकल्प के समय खट्टे फल, अचार, इमली, नींबू आदि नहीं खाने चाहिए।
❌ 2. झूठ बोलना या धोखा देना
व्रत के दिन झूठ बोलना, छल करना या किसी को धोखा देना माता को अपमानित करने के समान माना जाता है।
❌ 3. क्रोध करना या झगड़ा करना
क्रोध या लड़ाई-झगड़ा व्रत की शुद्धता को भंग करता है। शांत और संयमित रहना जरूरी है।
❌ 4. पूजा में अशुद्धता रखना
पूजा करते समय शरीर, वस्त्र और पूजा स्थान की पूर्ण शुद्धता होनी चाहिए। गंदे कपड़े या अशुद्ध मन से पूजा न करें।
❌ 5. संकल्प बीच में छोड़ना
अगर आपने 16 शुक्रवार का व्रत लिया है तो बीच में रोकना या छोड़ना शुभ नहीं माना जाता।
❌ 6. माता को गलत भोग चढ़ाना
संतोषी माता को विशेष रूप से गुड़ और भुने हुए चने का ही भोग चढ़ाया जाता है। अन्य वस्तुएँ, विशेषकर खट्टे पदार्थ भूल से भी न चढ़ाएं।
❌ 7. पूजा के समय ध्यान भटकाना
पूजा करते समय मोबाइल चलाना, इधर-उधर की बातें करना या मन से ध्यान हटाना व्रत की पवित्रता को भंग करता है।
❌ 8. व्रत के दिन मांस-मदिरा का सेवन
व्रत के दिन पूर्ण सात्विक जीवन जीना चाहिए। मांसाहार और मदिरा जैसे पदार्थों से पूरी तरह दूर रहें।
❌ 9. दान-दक्षिणा न देना
पूजा के बाद जरूरतमंद या कन्या को भोजन और दक्षिणा देना आवश्यक है। यह पूजा का हिस्सा है, इसे न छोड़ें।
❌ 10. असंतोष और शिकायत का भाव रखना
माता संतोष की देवी हैं। व्रत के दौरान हमेशा संतोष और कृतज्ञता का भाव रखें। बार-बार शिकायत करना माता को अप्रसन्न करता है।
🌺 निष्कर्ष:
अगर आप सच्चे मन से व्रत करें और इन 10 गलतियों से बचें, तो निश्चित ही संतोषी माता आपके जीवन में सुख-शांति, समृद्धि और मनचाहा वरदान देंगी।