
संतोषी माता की पूजा के लाभ: संतोषी माता की पूजा करने के लिए विशेष विधि और लाभ होते हैं। संतोषी माता को सुख, शांति और संतोष की देवी माना जाता
संतोषी माता की पूजा करने के लिए विशेष विधि और लाभ होते हैं। संतोषी माता को सुख, शांति और संतोष की देवी माना जाता है। उनकी पूजा करने से परिवार में शांति, आर्थिक समृद्धि और इच्छाओं की पूर्ति होती है। यहां संतोषी माता की पूजा की विधि और लाभ बताए गए हैं:
संतोषी माता की पूजा विधि:
- दिन का चयन:
- संतोषी माता की पूजा के लिए शुक्रवार का दिन शुभ माना जाता है।
- पूजा को 16 शुक्रवार तक रखने का संकल्प ले सकते हैं।
- सामग्री:
- एक मिट्टी या पीतल का कलश, गुड़ और चना, अगरबत्ती, दीपक, लाल कपड़ा, नारियल और संतोषी माता की तस्वीर।
- पूजा की तैयारी:
- घर या पूजा स्थल को साफ करें।
- संतोषी माता की मूर्ति या तस्वीर को एक साफ जगह पर रखें।
- एक साफ लाल कपड़ा बिछाएं और उस पर माता को विराजमान करें।
- व्रत और पूजा विधि:
- सुबह स्नान कर व्रत का संकल्प लें।
- पूजा में गुड़ और चने का प्रसाद बनाएं। ध्यान दें कि पूजा के दौरान खट्टा (जैसे दही, नींबू) पदार्थ का उपयोग न करें।
- दीप जलाएं और माता की आरती करें।
- संतोषी माता की कथा सुनें या पढ़ें।
- पूजा के अंत में गुड़-चना प्रसाद के रूप में बांटें।
- व्रत का पालन:
- पूरे दिन फलाहार करें और खट्टा खाने से बचें।
- शाम को माता की आरती करें और प्रसाद ग्रहण करें।
संतोषी माता की पूजा के लाभ:
- परिवार में शांति और सौहार्द बना रहता है।
- आर्थिक संकट दूर होते हैं।
- मनोकामनाओं की पूर्ति होती है।
- जीवन में संतोष और धैर्य का विकास होता है।
- बच्चों के लिए विशेष रूप से यह पूजा शुभ मानी जाती है।
अगर आप संतोषी माता का व्रत पूरी श्रद्धा और सच्चे मन से करते हैं, तो माता आपकी सभी इच्छाओं को पूर्ण करती हैं।
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संतोषी माता की पूजा के लाभ: