
संतोषी माता की कृपा से जुड़ी सच्ची कहानियाँ
💠 भूमिका:
संतोषी माता को संतोष और श्रद्धा की देवी माना जाता है। जिन भक्तों ने निष्ठा से माता का व्रत किया, उनके जीवन की परेशानियाँ दूर हो गईं और चमत्कारिक लाभ प्राप्त हुए।
यहाँ हम आपको कुछ सच्ची घटनाओं के माध्यम से यह बताएंगे कि कैसे संतोषी माता ने अपने भक्तों की सुन ली।
🙏 कहानी 1: निर्धन बहू बनी घर की लक्ष्मी
उत्तर प्रदेश के एक छोटे गांव की बहू सीमा का विवाह एक गरीब परिवार में हुआ था। घर में हर रोज कलह, बेरोजगारी, बीमारी और आर्थिक संकट था। पति शराब का आदी था और सास-ससुर ताने मारते थे।
सीमा ने एक दिन अपनी पड़ोसन से संतोषी माता के व्रत की कथा सुनी और संकल्प लिया कि वह हर शुक्रवार बिना नमक खाए व्रत करेगी और गुड़-चना से माता का भोग लगाएगी।
वह लगातार 16 शुक्रवार तक व्रत करती रही। माता की कथा सुनती, भक्ति में लीन रहती। धीरे-धीरे माहौल बदलने लगा –
- पति ने शराब छोड़ दी
- उसे एक कारखाने में नौकरी मिल गई
- घर में शांति और प्रेम आने लगा
- आर्थिक संकट भी धीरे-धीरे दूर हो गया
अब सीमा न केवल खुद माता का पूजन करती है, बल्कि गांव की दूसरी महिलाओं को भी इस व्रत की महिमा बताती है।
🌸 कहानी 2: संतान सुख का वरदान
मीना और उसके पति को शादी के 10 साल बाद भी संतान सुख प्राप्त नहीं हो सका। उन्होंने डॉक्टरों और बाबाओं के चक्कर भी लगाए, लेकिन हर जगह निराशा ही मिली। एक दिन एक वृद्धा ने उसे संतोषी माता के व्रत की सलाह दी।
मीना ने पूरी श्रद्धा से शुक्रवार का व्रत करना शुरू किया –
- सिर्फ गुड़ और चने का भोग
- नमक और खट्टा भोजन वर्जित
- माता की कथा सुनना अनिवार्य
सातवें शुक्रवार को पूजा करते समय उसे भावुक होकर रोना आ गया। उसी रात उसे माता का स्वप्न आया – जिसमें एक तेज प्रकाश से माता ने उसे आशीर्वाद दिया।
कुछ हफ्तों बाद डॉक्टर की रिपोर्ट में पता चला कि वह गर्भवती है। आज मीना के दो बच्चे हैं – और उनका नामकरण भी माता के नाम पर हुआ।
🪔 कहानी 3: व्यापार में चमत्कारी लाभ
राजेश एक छोटा व्यापारी था, जो कर्ज़ और घाटे से परेशान था। दुकानदारों से उधार, ग्राहक कम, और पुलिस केस भी झेलना पड़ा। वह मानसिक तनाव से गुजर रहा था।
एक दिन उसकी मां ने कहा – “हर शुक्रवार संतोषी माता का व्रत रखो, सब ठीक होगा।”
राजेश ने विश्वास किया और पूजा शुरू की। हर शुक्रवार वह दुकान पर सुबह माता की तस्वीर लगाकर पूजा करता, भोग लगाता और कथा सुनता।
लगातार 12 शुक्रवार तक ऐसा करते-करते उसके व्यापार में बदलाव आने लगा –
- पुराने ग्राहक लौटने लगे
- एक बड़ा ऑर्डर मिला जिससे पुराने कर्ज उतर गए
- परिवार में फिर से खुशहाली आ गई
अब राजेश अपने हर शुक्रवार की शुरुआत माता की पूजा से करता है।
🌟 कहानी 4: कोर्ट केस में विजय
सुमन, एक विधवा महिला थी। उसका देवर उसकी संपत्ति हथियाना चाहता था और कोर्ट में केस डाल दिया। घर के लोग उसे दोषी मानने लगे। अकेली सुमन ने संतोषी माता की शरण ली।
हर शुक्रवार व्रत करती रही, माता से न्याय की प्रार्थना करती। वह कोर्ट में सच पर अडिग रही और 9 महीनों के बाद केस का फैसला उसके पक्ष में आया।
आज सुमन कहती है – “मैं हारी नहीं, क्योंकि माता ने मेरा हाथ थामा।”
💖 कहानी 5: विवाह में देरी दूर हुई
नीलू एक शिक्षित युवती थी, मगर 30 की उम्र के बाद भी उसका विवाह नहीं हो पा रहा था। अच्छे रिश्ते आते लेकिन अंतिम समय में बात बिगड़ जाती। एक दिन उसने सोशल मीडिया पर संतोषी माता के व्रत का चमत्कार देखा।
उसने श्रद्धा से 21 शुक्रवार व्रत रखने का संकल्प लिया।
- माता की आरती करती
- कथा सुनती
- हर शुक्रवार छोटे बच्चों को गुड़-चना बाँटती
18वें शुक्रवार, एक रिश्तेदार द्वारा उसे एक अच्छा रिश्ता मिला और 3 महीनों के भीतर उसका विवाह हो गया। नीलू अब हर शुक्रवार अपने पति के साथ पूजा करती है।
🔔 निष्कर्ष:
इन सच्ची कहानियों से यह स्पष्ट है कि संतोषी माता श्रद्धा, संयम और विश्वास की परीक्षा लेती हैं। यदि आप श्रद्धा से माता की पूजा करें, उनके नियमों का पालन करें, तो जीवन के सभी कष्ट दूर हो सकते हैं।
🙏 संतोषी माता की जय 🙏
संतोषी माता व्रत में गुड़ और चने का महत्व
https://www.youtube.com/@bhaktikibhavnaofficial/videos
संतोषी माता की कृपा
संतोषी माता की कृपा