
तृतीय अध्याय में भगवान श्रीकृष्ण अर्जुन को कर्म योग का उपदेश देते हैं। इस अध्याय का मुख्य विषय यह है कि व्यक्ति को निष्काम भाव से अपने कर्तव्यों का पालन करना चाहिए। कर्म योग का अर्थ है कर्म करते हुए भी फल की आसक्ति से मुक्त रहना। यह अध्याय ज्ञान और कर्म के बीच संतुलन स्थापित करता है।
मुख्य बिंदु:
- कर्म का महत्व
भगवान कृष्ण बताते हैं कि संसार में कोई भी व्यक्ति क्षणभर भी बिना कर्म किए नहीं रह सकता। प्रकृति के गुणों के प्रभाव से हर प्राणी कर्म करने के लिए बाध्य है। - निष्काम कर्म योग
अर्जुन को समझाया गया कि केवल कर्म का त्याग करने से मुक्ति नहीं मिलती। त्याग का वास्तविक अर्थ है कर्म करते हुए फल की आसक्ति का त्याग करना। यह मन को शुद्ध करता है और आत्मा को शांति देता है। - स्वधर्म का पालन
भगवान कहते हैं कि हर व्यक्ति को अपने स्वधर्म (अपना कर्तव्य) का पालन करना चाहिए। अपने धर्म का पालन करना, भले ही वह छोटा हो, दूसरों के धर्म का पालन करने से बेहतर है। - यज्ञ भावना का महत्व
यज्ञ का तात्पर्य है कि हम अपने कर्मों को भगवान को समर्पित करें। ऐसा करने से कर्म बंधन नहीं बनते और जीवन शुद्ध एवं सात्विक बनता है। - ज्ञानी और अज्ञानी का दृष्टिकोण
ज्ञानी व्यक्ति को अपने कर्तव्यों का पालन करना चाहिए ताकि अज्ञानी लोग उससे प्रेरणा ले सकें। ज्ञानी को समाज के कल्याण के लिए कर्म में लीन रहना चाहिए, न कि केवल अपनी मुक्ति के लिए। - काम और क्रोध पर नियंत्रण
भगवान बताते हैं कि मनुष्य की हार और बंधन का मूल कारण काम और क्रोध है। इन पर विजय पाने से मनुष्य शांति और मुक्ति प्राप्त कर सकता है। - संसार को प्रेरित करने का कार्य
भगवान अर्जुन को प्रेरित करते हैं कि वे निष्काम भाव से कर्म करें और अपने कर्मों के माध्यम से समाज को प्रेरणा दें।
प्रमुख श्लोक:
- श्रेयान् स्वधर्मो विगुणः परधर्मात् स्वनुष्ठितात्।
(अपना धर्म चाहे अधूरा हो, परधर्म का पूर्ण पालन करने से श्रेष्ठ है।) - कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन।
(तुम्हारा अधिकार केवल कर्म पर है, फल की चिंता मत करो।)
निष्कर्ष:
कर्म योग का सार यह है कि जीवन में कर्म करना अनिवार्य है, लेकिन फल की इच्छा के बिना। भगवान श्रीकृष्ण अर्जुन को यह सिखाते हैं कि अपने कर्तव्यों का पालन ईमानदारी और निष्काम भावना से करें। ऐसा करने से व्यक्ति न केवल आत्मसंतोष प्राप्त करता है, बल्कि जीवन के अंतिम लक्ष्य – मोक्ष – की ओर अग्रसर होता है।