
शुक्रवार को संतोषी माता की पूजा कैसे करें?
संतोषी माता की पूजा विशेष रूप से शुक्रवार को की जाती है। यह पूजा स्त्रियों और पुरुषों दोनों के लिए अत्यंत फलदायी मानी जाती है, विशेषतः संतान सुख, परिवार में सुख-शांति, और मनोकामना पूर्ति के लिए।
🌼 संतोषी माता की पूजा विधि (शुक्रवार)
1. व्रत का संकल्प लें:
- सुबह स्नान कर के शुद्ध वस्त्र पहनें।
- भगवान का ध्यान कर व्रत का संकल्प लें – “मैं आज श्रद्धा और भक्ति से संतोषी माता का व्रत कर रही/रहा हूँ।”
2. पूजन स्थल की तैयारी:
- घर के किसी शांत व स्वच्छ स्थान में माता की तस्वीर या मूर्ति स्थापित करें।
- एक लकड़ी की चौकी पर लाल कपड़ा बिछाएं और उस पर माता की प्रतिमा रखें।
- पास में जल, चावल, फूल, दीपक, अगरबत्ती, और पूजन सामग्री रखें।
3. संतोषी माता की पूजा सामग्री:
- गुड़ और भुने चने (यह विशेष नैवेद्य होता है)
- फूल (विशेषतः गुलाब या गेंदे के)
- धूप, दीपक, कपूर
- कलश (जल से भरा हुआ)
- लाल वस्त्र, मौली (कलावा), नारियल (यदि संभव हो)
4. पूजा विधि:
- सबसे पहले गणेश जी का स्मरण करें।
- फिर संतोषी माता का ध्यान करें और उन्हें फूल अर्पित करें।
- अगरबत्ती और दीप जलाकर माता की आरती करें।
- माता को गुड़ और भुने चने का भोग लगाएं।
- संतोषी माता की व्रत कथा सुनें या पढ़ें। (यह व्रत कथा अत्यंत फलदायी मानी जाती है)
- अंत में सभी को नैवेद्य वितरण करें।
📌 विशेष ध्यान दें: इस दिन खट्टे पदार्थ (जैसे दही, इमली, नींबू आदि) का सेवन बिल्कुल न करें। पूजा में भी इनका प्रयोग न करें।
🌟 संतोषी माता की आरती:
जय संतोषी माता, मैया जय संतोषी माता।
आपको निशिदिन ध्यावत, हरि ब्रह्मा शिवदाता॥
दु:ख दरिद्र निवारणि, सुख सम्पत्ति दाता।
जो कोई तुमको ध्यावत, तुरत होत है त्राता॥
जय संतोषी माता...
शुक्रवार दिन तेरा, भक्त नित्य मनावें।
जो जन तुझको ध्यावें, सुख सम्पत्ति पावें॥
जय संतोषी माता...
घी गुड़ चना चढ़ावे, और ना कोई फल।
भक्ति भाव से पूजत, पूर्ण करै सब बल॥
जय संतोषी माता...
व्रत रखें श्रद्धा से, नियम ध्यान लगावें।
मनवांछित फल पावें, संकट दूर भगावें॥
जय संतोषी माता...
माँ के चरणों में जाकर, शीश अपना नवाते।
भक्ति भाव से जो मांगे, सो फल शीघ्र पाते॥
जय संतोषी माता...
🙏 व्रत की समाप्ति:
मनोकामना पूरी होने पर घर में संतोषी माता का उद्यापन करना शुभ माना जाता है (खीर-चना का भोग, और 8 बालिकाओं को भोजन कराना)।
यह व्रत कम से कम 16 शुक्रवार तक किया जाता है या जब तक इच्छा पूरी न हो।
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