शुक्रवार का संतोषी माता व्रत कैसे करें? संपूर्ण विधि और नियम
जानिए शुक्रवार के दिन संतोषी माता व्रत कैसे करें। व्रत की सही विधि, पूजन सामग्री, कथा, नियम और लाभ — सबकुछ स्टेप-बाय-स्टेप आसान हिंदी में।
🌺 संतोषी माता व्रत का महत्व
संतोषी माता को संतोष और सुख-शांति की देवी माना जाता है।
उनकी पूजा करने से जीवन में समृद्धि, मानसिक शांति और संतोष प्राप्त होता है।
शुक्रवार का दिन माता संतोषी को समर्पित है, इसलिए इस दिन व्रत रखने का विशेष महत्व है।
यह व्रत खासकर उन लोगों के लिए लाभदायक है जो:
- जीवन में असंतोष या तनाव महसूस करते हैं,
- आर्थिक या पारिवारिक समस्याओं से जूझ रहे हैं,
- या जीवन में स्थिरता और सुख चाहते हैं।
🗓️ शुक्रवार को संतोषी माता व्रत कब करें?
- यह व्रत हर शुक्रवार के दिन रखा जाता है।
- आरंभ किसी शुभ शुक्रवार से करें।
- इसे 16 लगातार शुक्रवार तक किया जा सकता है।
- सूर्योदय के बाद पूजा आरंभ करें और पूरे दिन श्रद्धा बनाए रखें।
🧺 व्रत के लिए आवश्यक सामग्री
| सामग्री | उपयोग |
|---|---|
| संतोषी माता की तस्वीर या मूर्ति | पूजन के लिए |
| लाल या गुलाबी कपड़ा | चौकी पर बिछाने हेतु |
| दीपक, अगरबत्ती, फूल | पूजन में |
| गुड़ और भुना चना | भोग और प्रसाद के लिए |
| कलश और जल | शुद्धता हेतु |
| चावल, रोली, अक्षत | पूजा सामग्री |
| कथा पुस्तक | व्रत कथा पढ़ने के लिए |
🪔 संतोषी माता व्रत विधि (Step-by-Step)
✨ Step 1: स्नान और तैयारी
- शुक्रवार की सुबह जल्दी उठकर स्नान करें।
- स्वच्छ वस्त्र पहनें (संभव हो तो लाल या गुलाबी रंग)।
- घर के पूजा स्थान को साफ करें और चौकी पर लाल कपड़ा बिछाएँ।
- संतोषी माता की तस्वीर या प्रतिमा स्थापित करें।
🌷 Step 2: पूजन की शुरुआत
- दीपक जलाएँ, अगरबत्ती लगाएँ और माता को फूल अर्पित करें।
- कलश में जल भरकर पास रखें।
- माता को गुड़ और चना का भोग लगाएँ — यह उनका प्रिय प्रसाद है।
- मन ही मन “जय संतोषी माता” का जप करें।
📖 Step 3: व्रत कथा श्रवण
- अब श्रद्धा से संतोषी माता की व्रत कथा पढ़ें या सुनें।
- कथा के बाद माता की आरती करें और प्रसाद बाँटें।
- ध्यान रखें — व्रत में खट्टा (नींबू, अचार, दही आदि) न खाएँ और न ही किसी को दें।
🌙 Step 4: दिनभर का आचरण
- दिनभर क्रोध, झगड़ा और असंतोष से दूर रहें।
- मन को शांत और प्रसन्न रखें।
- केवल गुड़-चना या फलाहार ग्रहण करें।
- व्रत सायंकाल आरती और प्रसाद के साथ पूरा करें।
🌼 Step 5: व्रत उद्यापन (समापन)
- 16वां शुक्रवार पूर्ण होने पर उदयापन करें।
- उस दिन 8 बच्चों को भोजन कराएँ और उन्हें गुड़-चना व दक्षिणा दें।
- माता से आशीर्वाद लें कि आपके जीवन में संतोष और सुख बना रहे।
🔱 व्रत के नियम (Important Rules)
- व्रत के दिन खट्टा भोजन बिल्कुल न करें।
- किसी प्रकार का झगड़ा, कटु वचन या क्रोध न करें।
- व्रत के दौरान गुड़-चना का प्रसाद ही बाँटें।
- श्रद्धा, विश्वास और पवित्र मन से पूजा करें।
- यदि किसी शुक्रवार को व्रत न कर पाएं, तो अगले शुक्रवार अवश्य करें।
🌸 संतोषी माता व्रत के लाभ
| लाभ | विवरण |
|---|---|
| 🏠 घर में सुख-शांति | कलह और असंतोष समाप्त होता है |
| 💰 आर्थिक लाभ | धन की वृद्धि होती है |
| ❤️ वैवाहिक सुख | पति-पत्नी में प्रेम और संतुलन बढ़ता है |
| 🧘 मानसिक शांति | मन में संतोष और स्थिरता आती है |
| 🌈 मनोकामना पूर्ति | माता की कृपा से हर इच्छा पूर्ण होती है |
🌺 निष्कर्ष (Conclusion)
शुक्रवार का संतोषी माता व्रत केवल धार्मिक पूजा नहीं, बल्कि एक जीवन-संतुलन का संदेश है।
यह व्रत हमें सिखाता है कि सच्चा सुख बाहरी वस्तुओं में नहीं, बल्कि मन के संतोष में है।
सच्ची श्रद्धा से व्रत करने पर माता हर भक्त की मनोकामना पूरी करती हैं।
जय संतोषी माता 🙏
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