
भगवान शिव को समर्पित पूजा में फूलों का विशेष महत्व होता है। शास्त्रों में यह बताया गया है कि शिवलिंग पर कुछ विशेष फूल चढ़ाने से शिवजी अत्यंत प्रसन्न होते हैं और साधक को मनोवांछित फल प्राप्त होता है। शिव पुराण, स्कंद पुराण, और अन्य धार्मिक ग्रंथों में शिव पूजा के लिए उपयुक्त और अनुपयुक्त फूलों का उल्लेख किया गया है।
शिवलिंग पर चढ़ाने योग्य पवित्र फूल
- धतूरे का फूल
- भगवान शिव को धतूरा अत्यंत प्रिय है।
- धतूरे को शिव पूजा में चढ़ाने से व्यक्ति को नकारात्मक ऊर्जा और बुरी शक्तियों से मुक्ति मिलती है।
- यह विशेष रूप से उन भक्तों के लिए उपयोगी माना जाता है जो जीवन में बड़ी बाधाओं का सामना कर रहे हैं।
- आक (मदार) का फूल
- आक (या मदार) के सफेद और बैंगनी फूल भगवान शिव को अर्पित किए जाते हैं।
- इन्हें चढ़ाने से भोग, मोक्ष और मानसिक शांति की प्राप्ति होती है।
- शिव पुराण में उल्लेख है कि आक का फूल चढ़ाने से भक्त की हर मनोकामना पूर्ण होती है।
- नागकेसर का फूल
- यह बहुत ही पवित्र और शुभ फूल माना जाता है।
- इसे अर्पित करने से व्यक्ति के जीवन में सुख, शांति और समृद्धि आती है।
- इसे विशेष रूप से महाशिवरात्रि और सावन के महीने में चढ़ाने का महत्व है।
- कनेर का फूल (पीला एवं सफेद)
- पीला और सफेद कनेर का फूल भगवान शिव को अत्यंत प्रिय माना जाता है।
- इसे चढ़ाने से व्यक्ति के जीवन से दरिद्रता दूर होती है और आर्थिक स्थिति में सुधार होता है।
- यह फूल दीर्घायु और स्वास्थ्य की प्राप्ति के लिए अर्पित किया जाता है।
- अपराजिता का फूल
- इस फूल का नाम ही बताता है कि यह विजय और सफलता का प्रतीक है।
- इसे चढ़ाने से जीवन में आ रही कठिनाइयाँ दूर होती हैं और व्यक्ति को हर क्षेत्र में सफलता मिलती है।
- कमल का फूल
- कमल का फूल पवित्रता और भक्ति का प्रतीक है।
- इसे शिवलिंग पर अर्पित करने से आध्यात्मिक शक्ति की वृद्धि होती है।
- यह विशेष रूप से महाशिवरात्रि के दिन चढ़ाया जाता है।
- गुलाब का फूल
- गुलाब का फूल प्रेम और भक्ति का प्रतीक है।
- शिवलिंग पर इसे चढ़ाने से शिव जी प्रसन्न होते हैं और भक्त को मनचाही सफलता मिलती है।
- जैस्मिन (मोगरा) के फूल
- यह फूल अपनी सुगंध के कारण मन को शांत और प्रसन्न करता है।
- इसे अर्पित करने से शिव जी का आशीर्वाद प्राप्त होता है और व्यक्ति के जीवन में सुख-समृद्धि आती है।
- बेला और चंपा का फूल
- बेला और चंपा के फूल शिवलिंग पर चढ़ाए जा सकते हैं, लेकिन इनका प्रयोग बहुत कम किया जाता है।
- इनमें दिव्य सुगंध होती है, जो मानसिक शांति और ध्यान में सहायक होती है।
शिवलिंग पर न चढ़ाने योग्य फूल
- तुलसी के पत्ते या फूल
- भगवान शिव पर तुलसी अर्पित नहीं की जाती क्योंकि यह भगवान विष्णु की प्रिय मानी जाती है।
- एक कथा के अनुसार, तुलसी देवी ने भगवान विष्णु से विवाह किया था और वे शिव जी को अर्पित नहीं हो सकतीं।
- केवड़ा और चंपा का फूल
- शिव पुराण के अनुसार, भगवान शिव ने स्वयं कहा है कि उन्हें केवड़ा और चंपा के फूल पसंद नहीं हैं।
- इसकी वजह यह बताई जाती है कि इन फूलों की सुगंध अत्यधिक तेज होती है, जो भगवान शिव को अप्रिय लगती है।
- दूषित या मुरझाए हुए फूल
- किसी भी भगवान की पूजा में मुरझाए हुए फूलों का उपयोग वर्जित होता है, विशेष रूप से भगवान शिव के लिए।
- इससे नकारात्मक ऊर्जा उत्पन्न होती है और पूजा निष्फल हो सकती है।
- अन्य देवताओं को चढ़ाया गया फूल
- पहले से किसी अन्य देवता को अर्पित किया गया फूल शिवलिंग पर नहीं चढ़ाना चाहिए।
- इससे पूजा का संपूर्ण फल प्राप्त नहीं होता।
शिवलिंग पर फूल चढ़ाने के नियम
- फूल को उल्टा न रखें
- जब भी शिवलिंग पर फूल चढ़ाएं, उन्हें उल्टा या गलत दिशा में न रखें।
- श्रद्धा और भक्ति से चढ़ाएं
- केवल विधिपूर्वक फूल चढ़ाने से ही लाभ नहीं होता, बल्कि सच्चे मन और भक्ति से चढ़ाने से ही शिवजी प्रसन्न होते हैं।
- पूजा के बाद फूल हटाना आवश्यक
- शिवलिंग पर चढ़ाए गए फूलों को अगले दिन हटा देना चाहिए और उन्हें किसी पवित्र स्थान पर रख देना चाहिए।
- स्वच्छता का विशेष ध्यान रखें
- फूल चढ़ाने से पहले उन्हें स्वच्छ जल से धो लेना चाहिए और खुद भी स्नान करके ही पूजा करनी चाहिए।
निष्कर्ष
भगवान शिव की पूजा में फूलों का विशेष महत्व है। यदि सही फूल और विधि से पूजन किया जाए तो व्यक्ति के जीवन की सभी बाधाएँ दूर हो सकती हैं और शिव जी की विशेष कृपा प्राप्त हो सकती है। इसलिए, शिवलिंग पर सदैव धतूरे, आक, नागकेसर, कनेर, गुलाब, कमल आदि शुभ फूल चढ़ाने चाहिए और तुलसी, केवड़ा, चंपा या मुरझाए हुए फूल अर्पित करने से बचना चाहिए। श्रद्धा और नियमपूर्वक शिवजी की पूजा करने से वे शीघ्र प्रसन्न होते हैं और अपने भक्तों को आशीर्वाद प्रदान करते हैं। 🚩✨
भूल कर भी सूर्य देव को ये फूल ना चढ़ाना
https://www.youtube.com/@bhaktikibhavnaofficial/videos
शिवलिंग पर कौन
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