
शनि देव को प्रसन्न करने के 20 शक्तिशाली मंत्र
1. ॐ शं शनैश्चराय नमः
अर्थ: मैं शनैश्चर (शनि देव) को नमस्कार करता हूँ।
लाभ: यह सबसे सरल और प्रभावशाली बीज मंत्र है। नियमित जप से शनि दोष, साढ़ेसाती और ढैय्या से मुक्ति मिलती है।
जप विधि: शनिवार को 108 बार जप करें। काले तिल और सरसों का तेल चढ़ाएं।
2. **नीलांजनसमाभासं रविपुत्रं यमाग्रजम्।
छायामार्तण्डसम्भूतं तं नमामि शनैश्चरम्॥**
अर्थ: जो नील अंजन के समान चमकते हैं, सूर्य पुत्र, यम के अग्रज, छाया और सूर्य से उत्पन्न – ऐसे शनैश्चर को मैं प्रणाम करता हूँ।
लाभ: यह शनि स्तुति श्लोक है। जीवन के कठिन समय में यह मानसिक बल देता है।
जप विधि: हर शनिवार शाम दीपक के सामने इसका पाठ करें।
3. ॐ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः
अर्थ: बीज मंत्रों से बना यह मंत्र शनि की सात्विक ऊर्जा को जाग्रत करता है।
लाभ: यह गुप्त बाधाओं और कर्ज से मुक्ति दिलाता है।
जप विधि: रुद्राक्ष की माला से 1 माला हर शनिवार।
4. **ॐ शनैश्चराय विद्महे सूर्यपुत्राय धीमहि।
तन्नः मन्दः प्रचोदयात्॥**
अर्थ: हम शनैश्चर को जानें, सूर्यपुत्र को ध्यान करें, मन्द हमें प्रेरणा दें।
लाभ: यह शनि गायत्री मंत्र है। शनि की बुरी दृष्टि से रक्षा करता है।
जप विधि: सुबह-शाम 21 बार नियमित करें।
5. **ॐ नीलवर्णाय विद्महे छायापुत्राय धीमहि।
तन्नः शनिः प्रचोदयात्॥**
अर्थ: हम नीलवर्ण वाले, छायापुत्र शनिदेव को जानें, वह हमें विवेक दे।
लाभ: शनि से जुड़े ग्रह दोष, दुर्भाग्य व अशांति को दूर करता है।
जप विधि: शनिवार को 3 बार संकल्प लेकर जप करें।
6. ॐ सूर्यपुत्राय अंगारकाय मन्दाय नमः
लाभ: मंगल और शनि दोष दोनों के निवारण में उपयोगी।
जप विधि: मंगलवार और शनिवार को जाप करें।
7. ॐ कालाय नमः
अर्थ: काल यानी समय को नमस्कार।
लाभ: शनि देव समय के देवता हैं। यह मंत्र कर्म में सुधार लाता है।
जप विधि: मन में बार-बार जप कर सकते हैं।
8. ॐ चायापुत्राय नमः
अर्थ: छाया माता के पुत्र को प्रणाम।
लाभ: माँ छाया से कृपा की प्राप्ति होती है, मातृ दोष भी दूर होते हैं।
9. ॐ मंदाय नमः
अर्थ: मन्द गति से चलने वाले शनिदेव को नमस्कार।
लाभ: धैर्य और स्थायित्व की ऊर्जा मिलती है।
10. ॐ शनैश्चर नमः
अर्थ: शनैश्चर – धीरे चलने वाले ग्रह को नमस्कार।
लाभ: जीवन की गति संतुलित होती है, व्यग्रता में कमी आती है।
11. ॐ ऐं ह्रीं श्रीं शनैश्चराय नमः
लाभ: ऐं – ज्ञान, ह्रीं – ऊर्जा, श्रीं – समृद्धि।
शनि के इन तीनों रूपों को प्रसन्न करता है।
जप विधि: व्यापार व नौकरी में बाधा हो तो 40 दिन तक करें।
12. ॐ नीलांजनाय नमः
अर्थ: नीलांजन के समान दीप्तिमान देव को नमस्कार।
लाभ: सौंदर्य, शक्ति और मानसिक शांति के लिए।
13. ॐ शनै नमः कालदेवाय नमः
लाभ: काल और शनि दोनों को संतुष्ट करता है।
विशेष: शनि अमावस्या को विशेष फल देता है।
14. ॐ शं शनैश्चराय नमः – 108 बार
विशेष विधि: शनिदेव की मूर्ति के सामने सरसों के तेल का दीप जलाकर 108 बार जप करें।
लाभ: अत्यधिक प्रभावशाली। जीवन में संतुलन और कर्म सुधार।
15. ॐ शं शनैश्चराय, सौम्यरूपाय नमो नमः
अर्थ: शनि देव के सौम्य रूप को प्रणाम।
लाभ: क्रूर दृष्टि को शांत करता है। घर में सुख-शांति आती है।
16. **ॐ नमः कृष्णाय नीलाय शितिकण्ठनिभाय च।
नमः कालाग्निरूपाय कृतान्ताय च वै नमः॥**
लाभ: यह दुर्लभ शनि स्तुति श्लोक है। मृत्यु तुल्य कष्ट से रक्षा करता है।
17. ॐ नमः शनैश्चराय सर्वदुख प्रशमनाय नमः
अर्थ: सभी दुखों को शांत करने वाले शनिदेव को नमस्कार।
लाभ: पारिवारिक और मानसिक तनाव दूर करता है।
18. ॐ नमः शनैश्चराय सौम्यरूपाय नमो नमः
लाभ: शनि के शांत, करुणामयी रूप से जुड़ाव।
विशेष: यह मंत्र विशेष रूप से विद्यार्थियों व स्त्रियों के लिए शुभ है।
19. ॐ शनैश्चराय कष्टनिवारणाय नमः
अर्थ: कष्ट दूर करने वाले शनि को नमस्कार।
लाभ: आर्थिक संकट और नौकरी की अड़चनें दूर होती हैं।
20. ॐ शनिदेवाय नमः
अर्थ: संक्षिप्त व सार्वभौमिक मंत्र।
लाभ: इसे किसी भी समय जप सकते हैं। शनि की मूल कृपा हेतु।
🕉 जप की विशेष सलाह:
- दिन: शनिवार
- समय: सूर्योदय से पहले या सूर्यास्त के बाद
- वस्त्र: काले या नीले
- सामग्री: काले तिल, सरसों का तेल, नीले फूल, लोहे की वस्तु
- दीपक: सरसों के तेल का दीपक जलाएं
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20 शक्तिशाली मंत्र
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