
शनि देव की पूजा विधि: शनि देव की पूजा विधि:
शनि देव की पूजा विधि सरल है और इसे भक्तजन शनि देव की कृपा पाने के लिए श्रद्धा और विश्वास के साथ कर सकते हैं। यहाँ शनि देव की पूजा करने की विधि हिंदी में दी गई है:
शनि देव की पूजा का महत्व:
- शनि देव को न्याय के देवता माना जाता है।
- शनि की पूजा से जीवन में आने वाली कठिनाइयाँ कम होती हैं और कर्मों के अनुसार न्याय प्राप्त होता है।
पूजा की सामग्री:
- शुद्ध जल या गंगा जल
- सरसों का तेल
- काले तिल
- काला कपड़ा
- लोहे का दीपक
- नीले या काले फूल
- चने या काले उड़द की दाल
- गुड़ और तिल का प्रसाद
- श्री शनि चालीसा या शनि मंत्र की पुस्तक
शनि देव की पूजा विधि:
- स्नान और शुद्धिकरण:
- सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
- पूजा स्थल को साफ करें और वहां एक साफ कपड़ा बिछाएं।
- शनि देव का आवाहन:
- शनि देव की मूर्ति या तस्वीर को किसी साफ स्थान पर रखें।
- उनके सामने सरसों का तेल रखें और उसमें काले तिल डालें।
- दीप जलाना:
- लोहे के दीपक में सरसों का तेल डालकर दीप जलाएं।
- दीप को शनि देव के सामने रखें।
- मंत्र और स्तुति:
- शनि चालीसा या “ॐ शं शनैश्चराय नमः” मंत्र का जाप करें।
- कम से कम 108 बार मंत्र का जाप करें (माला का उपयोग कर सकते हैं)।
- प्रसाद अर्पित करें:
- शनि देव को काले तिल, गुड़, और चने या उड़द की दाल का प्रसाद चढ़ाएं।
- नीले या काले फूल अर्पित करें।
- शनि का तिलक:
- सरसों के तेल में थोड़ी हल्दी मिलाकर शनि देव को तिलक करें और स्वयं भी माथे पर लगाएं।
- दान और सेवा:
- शनि देव की कृपा पाने के लिए गरीबों, जरूरतमंदों, और गायों को अन्न, कपड़े, या धन दान करें।
- काले कपड़े या जूते-चप्पल दान करना भी शुभ माना जाता है।
- आरती:
- शनि देव की आरती करें और उनसे क्षमा प्रार्थना करें।
विशेष ध्यान रखें:
- शनिवार को शनि देव की पूजा का विशेष महत्व है।
- पूजा के दौरान शनि देव की मूर्ति या तस्वीर को सीधा देखने से बचें।
- मन और वाणी को शुद्ध रखें और श्रद्धा से पूजा करें।
उपयोगी दिन:
- शनि अमावस्या, शनिवार और शनि जयंती के दिन शनि देव की विशेष पूजा करें।
श्रद्धा और भक्ति के साथ पूजा करने पर शनि देव की कृपा अवश्य प्राप्त होती है।