
शनिदेव के गुस्से से कैसे बचें? व्रत है रामबाण उपाय
शनिदेव को न्याय के देवता माना जाता है। वे व्यक्ति को उसके कर्मों के अनुसार फल देते हैं। अच्छे कर्म पर कृपा और बुरे कर्म पर दंड – यही शनिदेव की विशेषता है। लेकिन जब शनि की साढ़ेसाती या ढैय्या चल रही हो, तो जीवन में कई बाधाएं, रोग, आर्थिक संकट और मानसिक तनाव आने लगते हैं।
तो ऐसे में सवाल उठता है — क्या शनिदेव के गुस्से को शांत किया जा सकता है?
उत्तर है – हाँ, शनिवार का व्रत एक रामबाण उपाय है।
🕉️ शनिवार व्रत क्यों है प्रभावी?
- शनिदेव व्रत से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है।
- यह व्यक्ति के दोषों को शुद्ध करता है और मन को संयमित करता है।
- शनिदेव व्रत से कर्मों का शोधन होता है, जिससे शनि की क्रूर दृष्टि शांत हो जाती है।
📿 शनिवार व्रत विधि: कैसे करें व्रत?
- स्नान के बाद काले वस्त्र पहनें।
- शनि मंदिर जाएं या घर में शनिदेव की प्रतिमा को तिल, तेल, नीम के पत्ते, काले फूल और काले तिल अर्पित करें।
- “ॐ शं शनैश्चराय नमः” मंत्र का जाप कम से कम 108 बार करें।
- शनि चालीसा और शनि आरती का पाठ करें।
- शाम को जरूरतमंदों को काले वस्त्र, काले तिल, उड़द या लोहे का दान करें।
- इस दिन मांस-मदिरा, झूठ, क्रोध और तामसी भोजन से बचें।
⚠️ किन बातों का ध्यान रखें?
- व्रत में सच्चे मन और श्रद्धा से पूजा करें।
- गरीबों, वृद्धों और पशुओं पर दया दिखाएं – यही सच्ची शनिपूजा है।
- अहंकार, आलस्य और बुरी संगति से बचें।
✨ निष्कर्ष:
शनिदेव का गुस्सा वास्तव में हमारे ही कर्मों का फल होता है। यदि हम ईमानदारी से शनिवार का व्रत करें, सही आचरण रखें और दूसरों की सेवा करें, तो शनिदेव की कृपा हम पर अवश्य बनी रहेगी।
शनि व्रत के नियम और सावधानियाँ