
शनिदेव का मंत्र
साणिदेव के मंत्रों के जाप से कई लाभ होते हैं, विशेष रूप से उन लोगों के लिए जो शनि ग्रह के प्रभाव से पीड़ित हैं। शनि देव न्याय के देवता माने जाते हैं और उनके मंत्रों के नियमित जाप से व्यक्ति को शनि की कृपा प्राप्त होती है।
साणिदेव के मंत्रों के लाभ
- शनि दोष से मुक्ति – यदि कुंडली में शनि की महादशा, साढ़े साती या ढैय्या का प्रभाव हो, तो शनि मंत्र जाप से राहत मिलती है।
- कर्म सुधार और न्याय – शनि देव कर्मों के अनुसार फल देते हैं, इसलिए उनका मंत्र जाप व्यक्ति को सत्य और धर्म के मार्ग पर चलने में सहायक होता है।
- धन, व्यवसाय और नौकरी में लाभ – जो लोग करियर और व्यापार में बाधाओं का सामना कर रहे हैं, उनके लिए शनि मंत्र बहुत लाभकारी होता है।
- नकारात्मक ऊर्जा और बुरी दृष्टि से बचाव – शनि देव की कृपा से बुरी नजर और नकारात्मक शक्तियों से सुरक्षा मिलती है।
- मानसिक शांति और स्थिरता – जीवन में शांति, धैर्य और आत्म-संतोष प्राप्त करने में सहायक होता है।
- शत्रु बाधा से मुक्ति – शनि देव के मंत्र का जाप करने से शत्रु बाधा और अनावश्यक परेशानियों से छुटकारा मिलता है।
प्रसिद्ध शनि मंत्र और उनका प्रभाव
- शनि बीज मंत्र
“ॐ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः॥”
– यह मंत्र शनि ग्रह के बुरे प्रभावों को कम करता है। - शनि गायत्री मंत्र
“ॐ शनैश्चराय विद्महे सूर्यपुत्राय धीमहि। तन्नो मंदः प्रचोदयात्॥”
– इस मंत्र से शनि देव की कृपा प्राप्त होती है और बुरे समय से बचाव होता है। - शनि महामंत्र
“ॐ नीलांजन समाभासं रविपुत्रं यमाग्रजम्। छायामार्तण्डसंभूतं तं नमामि शनैश्चरम्॥”
– इस मंत्र के जाप से व्यक्ति को शनि देव की कृपा मिलती है और उसका जीवन संतुलित होता है।
मंत्र जाप करने की विधि
- शनिवार को स्नान करके पीपल के पेड़ के नीचे तेल का दीपक जलाकर जाप करें।
- काले तिल, काले कपड़े और लोहे का दान करें।
- कम से कम 108 बार मंत्र का जाप करें।
अगर सही तरीके से शनि देव के मंत्रों का जाप किया जाए, तो जीवन में शुभ फल मिलने लगते हैं। 🙏
शनिदेव का मंत्र
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