
व्यापार में वृद्धि के लिए बुधवार को गणेश पूजा विधि
शुभ समय:
- प्रातःकाल (6 बजे से 10 बजे तक) या
- मध्यान्ह (11 बजे से 1 बजे तक)
- यदि संभव हो तो “अभिजीत मुहूर्त” में पूजा करें।
- अभिजीत मुहूर्त क्या है?
यह दैनिक मुहूर्त है, जो हर दिन दोपहर के समय, सूर्य के ठीक मध्य काल में आता है।
इसे “विजय मुहूर्त” भी कहा जाता है।
यह मुहूर्त लगभग 24 मिनट से 48 मिनट तक का होता है।
यह समय सभी प्रकार के शुभ कार्यों — जैसे पूजा, व्रत, नया व्यापार शुरू करना, साक्षात्कार, यात्रा, खरीदारी, विवाह प्रस्ताव आदि के लिए शुभ माना जाता है।
🧭 कैसे निकालें अभिजीत मुहूर्त?
अभिजीत मुहूर्त = स्थानीय दोपहर के समय (Local Solar Noon) ± 24 मिनट
उदाहरण: यदि सूर्योदय सुबह 6:00 बजे और सूर्यास्त शाम 6:00 बजे है,
तो दोपहर 12:00 बजे “मध्यान्ह” होगा।
→ तो अभिजीत मुहूर्त लगभग 11:40 AM से 12:20 PM के बीच होगा।
👉 यह समय स्थान और दिन के अनुसार थोड़ा बदलता है।
📌 अभिजीत मुहूर्त के लाभ:
शुभ काम के लिए उपयुक्त, भले पंचांग में कोई अच्छा मुहूर्त न हो।
ग्रह दोषों से काफी हद तक मुक्त होता है।
भगवान विष्णु और गणेश जी को यह मुहूर्त अत्यंत प्रिय है।
व्यापार, नौकरी, परीक्षा, यात्रा या पूजा का शुभ समय।
❌ किन दिनों पर अभिजीत मुहूर्त नहीं माना जाता?
रविवार को कभी-कभी इसे फलदायक नहीं माना जाता यदि उस दिन सूर्योदय से सूर्यास्त का समय बहुत छोटा हो (जैसे पर्व/व्रत के दिन)।
अमावस्या, ग्रहण, संक्रांति, आदि विशेष तिथियों पर इसे टालने की सलाह दी जाती है।
🧴 पूजन सामग्री:
- गणेश जी की मूर्ति/चित्र (बैठी मुद्रा वाला)
- दूर्वा (21 गांठें)
- मोदक या बेसन लड्डू (भोग के लिए)
- लाल चंदन, रोली, अक्षत (चावल)
- हरा वस्त्र (गणेश जी को अर्पित करने हेतु)
- हरे फल (अमरूद, अंगूर आदि)
- धूप, दीप, कपूर
- गाय का शुद्ध घी
- 5 सुपारी, 1 नारियल
- पीला वस्त्र पूजा के लिए बिछाने हेतु
🙏 पूजन विधि (Step-by-Step):
1. स्थान शुद्ध करें
– पूजा स्थान को साफ करें और पीला वस्त्र बिछाकर गणेश जी की मूर्ति स्थापित करें।
2. संकल्प लें
– “मैं अमुक नाम/व्यवसाय के लिए भगवान गणेश से व्यापार में वृद्धि हेतु पूजा करता हूँ।”
3. गणेश जी का अभिषेक (यदि संभव हो)
– जल, दूध, और गंगाजल से स्नान कराएं। फिर लाल चंदन लगाएं।
4. पूजन करें
- भगवान को दूर्वा (21 गांठें), अक्षत, रोली, फूल, भोग (मोदक) अर्पित करें।
- हरा वस्त्र भेंट करें – यह बुध ग्रह का प्रतीक है।
5. मंत्र जप करें:
🔸 “ॐ गं गणपतये नमः” – 108 बार जप करें।
🔸 व्यापार वृद्धि के लिए एक विशेष मंत्र:
“ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं ग्लौं गं गणपतये वर वरद सर्वजनं मे वशमानय स्वाहा।” – 21 या 51 बार
6. गणेश चालीसा या अथर्वशीर्ष का पाठ करें
7. आरती करें:
“जय गणेश देवा…” आरती धूप व दीप के साथ करें।
8. भोग वितरण करें:
– मोदक, लड्डू या जो भी भोग लगाया है, उसे प्रसाद रूप में बाँटें।
📈 व्यापार वृद्धि हेतु विशेष उपाय (बुधवार को):
✅ हरे रंग की वस्तुएं (जैसे हरा मूंग, हरा वस्त्र) दान करें।
✅ अपने दुकान/ऑफिस में गणेश जी की दाएँ सूंड वाली मूर्ति रखें।
✅ दुकान या ऑफिस के मुख्य द्वार पर “ॐ गं गणपतये नमः” का छोटा बोर्ड लगाएं।
✅ बुधवार को किसी गरीब या विद्यार्थी को हरे फल या मूंग दान करें।