
वैभव लक्ष्मी व्रत विधि
वैभव लक्ष्मी व्रत विधि और मंत्र
वैभव लक्ष्मी व्रत को विशेष रूप से शुक्रवार के दिन रखा जाता है। यह व्रत धन, सुख-समृद्धि और वैभव प्राप्ति के लिए किया जाता है। इस व्रत को श्रद्धा और विश्वास के साथ करने से मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है। यहां इस व्रत की विधि और मंत्र दिए गए हैं।
वैभव लक्ष्मी व्रत विधि
- स्नान और शुद्धिकरण
- शुक्रवार के दिन प्रातःकाल स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
- पूजा स्थल को साफ करें और वहां गंगाजल का छिड़काव करें।
- मां लक्ष्मी की स्थापना
- एक चौकी पर सफेद या लाल कपड़ा बिछाएं।
- उस पर मां लक्ष्मी की मूर्ति या चित्र स्थापित करें।
- पास में एक कलश रखें और उसमें जल भरकर आम के पत्ते और नारियल रखें।
- दीप जलाना
- मां लक्ष्मी के सामने घी या तेल का दीपक जलाएं।
- धूप या अगरबत्ती जलाकर वातावरण शुद्ध करें।
- पूजा सामग्री
- मां लक्ष्मी को लाल फूल, चावल, कुमकुम, हल्दी, बेलपत्र, और मिठाई अर्पित करें।
- भोग के लिए सफेद मिष्ठान (जैसे खीर या लड्डू) चढ़ाएं।
- वैभव लक्ष्मी कथा
- व्रत के दौरान “वैभव लक्ष्मी व्रत कथा” का पाठ करें।
- इसे स्वयं पढ़ें या किसी से सुनें।
- मंत्र जाप
- “श्री लक्ष्म्यै नमः” मंत्र का जाप 108 बार करें।
- या निम्न मंत्र का जाप करें:
“ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं ॐ महालक्ष्म्यै नमः।”
- आरती और भोग
- मां लक्ष्मी की आरती करें।
- भोग लगाने के बाद परिवार के साथ प्रसाद ग्रहण करें।
- दान और संकल्प
- व्रत पूरा होने के बाद गरीबों या ब्राह्मणों को दान दें।
- यह संकल्प लें कि आप सच्चे मन और श्रद्धा से व्रत करेंगे।
विशेष ध्यान रखें
- व्रत के दौरान शुद्ध और सात्विक भोजन करें।
- मन को पवित्र रखें और नकारात्मक विचारों से दूर रहें।
- व्रत की संख्या 11, 21, या 51 शुक्रवार तक रखें।
इस व्रत को विधिपूर्वक करने से मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है, और जीवन में सुख-समृद्धि बनी रहती है।