
2025 में 26 फरवरी बुधवार को हैं:उसी दिन महाशिवरात्रि का पर्व है, जो भगवान शिव की उपासना का सबसे महत्वपूर्ण दिन माना जाता है। यदि इस दिन वैद्यनाथ प्राकट्योत्सव व्रत किया जाता है, तो इसके विशेष लाभ प्राप्त होते हैं:
1. मनोकामनाओं की पूर्ति
जो भी भक्त इस दिन वैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग का पूजन और व्रत करता है, उसकी सभी इच्छाएँ पूरी होती हैं। इसे कामना पूर्ति व्रत भी कहा जाता है।
वैद्यनाथ प्राकट्योत्सव व्रत कब है:
2. रोगों से मुक्ति (आरोग्य प्राप्ति)
वैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग को भगवान शिव का चिकित्सक स्वरूप माना जाता है। इस व्रत को करने से शरीर और मन के रोग दूर होते हैं, दीर्घायु प्राप्त होती है।
3. पापों से मुक्ति और मोक्ष प्राप्ति
शिवपुराण के अनुसार, महाशिवरात्रि और वैद्यनाथ व्रत करने से जन्म-जन्मांतर के पाप नष्ट हो जाते हैं और मोक्ष प्राप्ति का मार्ग प्रशस्त होता है।
4. वैवाहिक जीवन में सुख एवं संतान प्राप्ति
इस व्रत को करने से दांपत्य जीवन में खुशहाली आती है। जिन दंपतियों को संतान प्राप्त नहीं हो रही, उनके लिए भी यह व्रत विशेष फलदायी माना जाता है।
5. आर्थिक समृद्धि और सफलता
भगवान शिव के आशीर्वाद से जीवन में समृद्धि और व्यापार में उन्नति होती है। नौकरी में प्रमोशन और सफलता भी शीघ्र प्राप्त होती है।
कैसे करें व्रत?
- प्रातः स्नान कर शुद्ध वस्त्र धारण करें।
- वैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग (या घर में शिवलिंग) का अभिषेक करें – गंगाजल, दूध, शहद, दही और बेलपत्र चढ़ाएं।
- ॐ नमः शिवाय मंत्र का 108 बार जाप करें।
- महादेव की विशेष आरती करें।
- रात्रि जागरण करें और शिवपुराण या महाशिवरात्रि कथा का श्रवण करें।
- ब्राह्मणों को भोजन कराएं और दान-पुण्य करें।
यह व्रत उन लोगों के लिए विशेष लाभकारी है जो रोगमुक्ति, समृद्धि, मोक्ष और इच्छापूर्ति की कामना रखते हैं। 🙏🔱
2025 में 26 फरवरी को महाशिवरात्रि का पर्व है, जो भगवान शिव की उपासना का सबसे महत्वपूर्ण दिन माना जाता है। यदि इस दिन वैद्यनाथ प्राकट्योत्सव व्रत किया जाता है, तो इसके विशेष लाभ प्राप्त होते हैं:
1. मनोकामनाओं की पूर्ति
जो भी भक्त इस दिन वैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग का पूजन और व्रत करता है, उसकी सभी इच्छाएँ पूरी होती हैं। इसे कामना पूर्ति व्रत भी कहा जाता है।
2. रोगों से मुक्ति (आरोग्य प्राप्ति) वैद्यनाथ प्राकट्योत्सव व्रत कब है:
वैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग को भगवान शिव का चिकित्सक स्वरूप माना जाता है। इस व्रत को करने से शरीर और मन के रोग दूर होते हैं, दीर्घायु प्राप्त होती है।
3. पापों से मुक्ति और मोक्ष प्राप्ति
शिवपुराण के अनुसार, महाशिवरात्रि और वैद्यनाथ व्रत करने से जन्म-जन्मांतर के पाप नष्ट हो जाते हैं और मोक्ष प्राप्ति का मार्ग प्रशस्त होता है।
4. वैवाहिक जीवन में सुख एवं संतान प्राप्ति
इस व्रत को करने से दांपत्य जीवन में खुशहाली आती है। जिन दंपतियों को संतान प्राप्त नहीं हो रही, उनके लिए भी यह व्रत विशेष फलदायी माना जाता है।
5. आर्थिक समृद्धि और सफलता
भगवान शिव के आशीर्वाद से जीवन में समृद्धि और व्यापार में उन्नति होती है। नौकरी में प्रमोशन और सफलता भी शीघ्र प्राप्त होती है।
कैसे करें व्रत?
वैद्यनाथ प्राकट्योत्सव व्रत कब है:
- प्रातः स्नान कर शुद्ध वस्त्र धारण करें।
- वैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग (या घर में शिवलिंग) का अभिषेक करें – गंगाजल, दूध, शहद, दही और बेलपत्र चढ़ाएं।
- ॐ नमः शिवाय मंत्र का 108 बार जाप करें।
- महादेव की विशेष आरती करें।
- रात्रि जागरण करें और शिवपुराण या महाशिवरात्रि कथा का श्रवण करें।
- ब्राह्मणों को भोजन कराएं और दान-पुण्य करें।
यह व्रत उन लोगों के लिए विशेष लाभकारी है जो रोगमुक्ति, समृद्धि, मोक्ष और इच्छापूर्ति की कामना रखते हैं। 🙏🔱
वैद्यनाथ प्राकट्योत्सव व्रत कब है:
वैद्यनाथ प्राकट्योत्सव व्रत कब है:
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वैद्यनाथ प्राकट्योत्सव व्रत एव
वैद्यनाथ प्राकट्योत्सव व्रत एव