मोक्षदा एकादशी व्रत कैसे रखें
मोक्षदा एकादशी व्रत कैसे रखें – विस्तृत मार्गदर्शन
मोक्षदा एकादशी व्रत शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को मनाया जाता है। यह व्रत धार्मिक दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण है और माना जाता है कि इसे करने से पापों से मुक्ति मिलती है और मोक्ष की प्राप्ति होती है।
1. व्रत से पहले की तैयारी
- संकल्प लें: दशमी तिथि (एकादशी से एक दिन पहले) से ही व्रत का संकल्प लें।
- शुद्धता: घर और पूजा स्थल साफ करें। व्रत के दिन मानसिक और शारीरिक शुद्धता का ध्यान रखें।
- आहार: व्रत से पहले से ही सात्विक भोजन लें। मांस, अंडा, शराब, तथा अनाज (गेहूं, चावल आदि) से परहेज करें।
2. व्रत का पालन
- स्नान और शुद्धिकरण – सुबह नहा-धोकर साफ कपड़े पहनें।
- पूजा और भक्ति
- तुलसी के पौधे के पास भगवान विष्णु की पूजा करें।
- फूल, फल, हलवा या अन्य भोग अर्पित करें।
- यदि संभव हो तो भगवद गीता या एकादशी कथा का पाठ करें।
- उपवास (फास्टिंग)
- पूर्ण उपवास रख सकते हैं या फल, दूध, सब्जियों पर आधारित व्रत कर सकते हैं।
- अनाज और मांसाहारी भोजन वर्जित हैं।
3. व्रत के दौरान
- भजन और कीर्तन – दिनभर भक्ति भाव में समय बिताएँ।
- ध्यान और प्रार्थना – भगवान विष्णु की ध्यान करें और पवित्र विचार रखें।
- अच्छे कर्म – दान, सेवा और धार्मिक कर्मों में संलग्न हों।
4. पारणा (व्रत खोलना)
- द्वादशी तिथि के शुभ मुहूर्त में व्रत खोलें।
- तुलसी और भगवान विष्णु को प्रणाम करें, फिर ही भोजन करें।
- पारणा में हल्का और सात्विक भोजन करें।
5. विशेष टिप्स
- यदि व्रत पूरा दिन नहीं रख सकते, तो आंशिक व्रत भी फलदायी माना जाता है।
- व्रत का मुख्य उद्देश्य भक्ति और मानसिक शुद्धता है, इसलिए मन को शांत और विचारों को पवित्र रखें।
राम–सीता विवाह पंचमी 2025: तिथि, महत्व और पूजा विधि
