माँ अन्नपूर्णा व्रत पर ऐसे करें देवी की पूजा, मिलेगा अन्न और धन का आशीर्वाद
माँ अन्नपूर्णा व्रत का महत्व
माँ अन्नपूर्णा का व्रत रखने से व्यक्ति के जीवन में सुख-समृद्धि आती है। घर में कभी भोजन या धन की कमी नहीं रहती।
शास्त्रों के अनुसार, जो भक्त श्रद्धापूर्वक इस दिन माँ की पूजा करता है, उसके घर में अन्न-धन का भंडार सदा भरा रहता है।
यह व्रत विशेष रूप से गृहिणियों और अन्नदाता परिवारों के लिए शुभ माना गया है।
व्रत की तैयारी
- व्रत के एक दिन पहले घर की पूरी तरह सफाई करें।
- पूजा स्थल पर माँ अन्नपूर्णा की मूर्ति या चित्र स्थापित करें।
- सफेद वस्त्र पहनें, क्योंकि यह पवित्रता और शुद्धता का प्रतीक है।
- व्रत वाले दिन ब्रह्म मुहूर्त में स्नान कर संकल्प लें —
“मैं आज माँ अन्नपूर्णा की कृपा पाने हेतु व्रत और पूजा करूँगा/करूँगी।”
पूजन विधि
- माँ अन्नपूर्णा की मूर्ति या चित्र के सामने चौकी बिछाकर कलश स्थापित करें।
- कलश में जल भरकर उस पर आम या अशोक के पत्ते रखें और ऊपर नारियल रखें।
- माँ अन्नपूर्णा को चावल, दूध, फल, पुष्प, और तुलसी अर्पित करें।
- अब दीपक और धूप जलाकर पूजा प्रारंभ करें।
- माँ अन्नपूर्णा की आरती करें और यह मंत्र जपें — 🔱 मंत्र:
“अन्नपूर्णे सदापूर्णे शंकरप्राणवल्लभे।
ज्ञान वैराग्य सिद्ध्यर्थं भिक्षां देहि च पार्वति॥” (अर्थ: हे माँ अन्नपूर्णा, जो सदा पूर्ण हैं, जो भगवान शंकर की प्राणप्रिय हैं, मुझे ज्ञान और वैराग्य की भिक्षा दें।) - पूजा के बाद घर के सभी सदस्यों में प्रसाद के रूप में खीर, हलवा, या अन्न वितरित करें।
व्रत का नियम
- व्रत के दिन अन्न का अपव्यय बिल्कुल न करें।
- किसी जरूरतमंद को भोजन अवश्य कराएँ।
- ब्राह्मणों और गरीबों को अन्नदान करना माँ अन्नपूर्णा की विशेष कृपा प्राप्त करने का सर्वोत्तम उपाय माना गया है।
- पूरे दिन व्रत रखने के बाद शाम को माता की आरती कर अन्न ग्रहण करें।
व्रत के लाभ
- घर में अन्न और धन की कभी कमी नहीं रहती।
- परिवार में सुख, शांति और समृद्धि का वास होता है।
- भक्त को जीवन में स्थिरता और संतोष की प्राप्ति होती है।
- माँ की कृपा से दरिद्रता और कष्ट दूर होते हैं।
निष्कर्ष
माँ अन्नपूर्णा की पूजा और व्रत केवल अन्न की प्राप्ति के लिए नहीं, बल्कि कृतज्ञता और संतुलन का संदेश भी देता है। यह व्रत हमें सिखाता है कि भोजन केवल पेट भरने का साधन नहीं, बल्कि ईश्वर का प्रसाद है। माँ अन्नपूर्णा की कृपा से जीवन में सदा समृद्धि, संतोष और सौभाग्य बना रहता है।
संतोषी माता व्रत विधि – पूरी जानकारी स्टेप बाय स्टेप
