
महा शिवरात्रि पर जल चढ़ाने की सही विधि:
महा शिवरात्रि पर जल चढ़ाने (जलाभिषेक) का सही तरीका निम्नलिखित है। यह विधि शास्त्रों और परंपराओं के अनुसार है, जिससे भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है:
महा शिवरात्रि पर जल चढ़ाने की सही विधि:
- स्नान और शुद्धता:
- सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
- मन को शांत और भगवान शिव के प्रति समर्पित करें।
- शिवलिंग की सफाई:
- शिवलिंग को साफ पानी से धोएं और उसे पवित्र करें।
- शिवलिंग के आसपास का स्थान भी साफ और स्वच्छ रखें।
- जलाभिषेक:
- शिवलिंग पर जल चढ़ाने के लिए तांबे के लोटे या कलश का उपयोग करें।
- जल में गंगाजल मिलाएं (यदि उपलब्ध हो)।
- धीरे-धीरे शिवलिंग पर जल चढ़ाएं और “ऊँ नमः शिवाय” मंत्र का जाप करें।
- जल चढ़ाते समय मन में शिवजी का ध्यान करें और उनसे आशीर्वाद मांगें।
- दूध, दही, घी और शहद से अभिषेक:
- जल के बाद शिवलिंग पर दूध, दही, घी, शहद और गंगाजल से अभिषेक करें।
- प्रत्येक चीज को अलग-अलग चढ़ाएं और मंत्र का जाप करते रहें।
- बिल्व पत्र और धतूरा चढ़ाएं:
- शिवलिंग पर बिल्व पत्र (बेलपत्र) चढ़ाएं। बिल्व पत्र तीन पत्तियों वाला होना चाहिए।
- धतूरे के फूल और फल भी शिवजी को अर्पित करें।
- चंदन और फूल अर्पित करें:
- शिवलिंग पर चंदन का लेप लगाएं और फूल चढ़ाएं।
- धूप और दीप जलाकर शिवजी की आराधना करें।
- रुद्राभिषेक या शिव मंत्रों का जाप:
- “ऊँ नमः शिवाय” मंत्र का 108 बार जाप करें।
- यदि संभव हो तो रुद्राभिषेक करें या शिव पुराण के मंत्रों का पाठ करें।
- आरती और प्रसाद:
- अभिषेक के बाद शिवजी की आरती करें।
- प्रसाद के रूप में फल, मिठाई या भांग-धतूरे का प्रसाद वितरित करें।
- व्रत और जागरण:
- महा शिवरात्रि के दिन व्रत रखें और रात्रि जागरण करें।
- शिवजी की कथा सुनें और भजन-कीर्तन करें।
महत्वपूर्ण बातें:
- जल चढ़ाते समय मन शुद्ध और भावनाएं पवित्र होनी चाहिए।
- शिवलिंग पर चढ़ाया गया जल नदी या किसी पवित्र स्थान पर ही बहाएं।
- महा शिवरात्रि पर शिवजी की कृपा पाने के लिए पूर्ण श्रद्धा और विश्वास के साथ पूजा करें।
इस विधि से जल चढ़ाने पर भगवान शिव प्रसन्न होते हैं और भक्तों को आशीर्वाद देते हैं। 🌺🙏