
महाशिवरात्रि हिंदू धर्म में भगवान शिव को समर्पित एक प्रमुख त्योहार है। इस दिन भक्त भगवान शिव की पूजा-अर्चना करते हैं और व्रत रखते हैं। महाशिवरात्रि की व्रत कथा इस प्रकार है:
महाशिवरात्रि व्रत कथा
एक बार एक गाँव में एक गरीब शिकारी रहता था। वह जंगल में जानवरों का शिकार करके अपने परिवार का पेट पालता था। एक दिन उसे पूरे दिन शिकार नहीं मिला और वह भूखा-प्यासा जंगल में भटकता रहा। शाम को उसे एक तालाब दिखाई दिया, जहाँ उसने पानी पिया और आराम करने के लिए एक बेल के पेड़ के नीचे बैठ गया। उस दिन महाशिवरात्रि का दिन था, लेकिन शिकारी को इस बात का पता नहीं था।
बेल के पेड़ के नीचे बैठे हुए शिकारी ने अनजाने में बेल के पत्ते तोड़कर नीचे गिरा दिए। संयोग से वहाँ एक शिवलिंग था, जो बेल के पत्तों से ढक गया। शिकारी ने पानी पीने के लिए जो कलश भरा था, उससे कुछ बूँदें शिवलिंग पर गिर गईं। इस तरह, अनजाने में ही सही, शिकारी ने भगवान शिव की पूजा कर दी।
रात भर वहीं बैठे रहने के कारण उसने अनजाने में ही महाशिवरात्रि का व्रत भी पूरा कर लिया। जब सुबह हुई, तो शिकारी ने देखा कि उसके आसपास कई जानवर आ गए हैं। वह उन्हें मारने के लिए तैयार हुआ, लेकिन तभी उसके मन में दया आई और उसने सोचा कि इन निर्दोष जानवरों को मारकर वह पाप क्यों करे। उसने अपना शिकार छोड़ दिया और घर लौट आया।
घर आकर उसने अपने परिवार को यह सारी बात बताई। उसी रात भगवान शिव ने उसके सपने में आकर कहा कि उसकी अनजाने में की गई पूजा और व्रत से वे प्रसन्न हुए हैं। भगवान शिव ने उसे आशीर्वाद दिया और कहा कि अब से उसका जीवन सुखमय होगा। शिकारी ने भगवान शिव का आभार व्यक्त किया और उस दिन के बाद से वह नियमित रूप से महाशिवरात्रि का व्रत रखने लगा।
महत्व
महाशिवरात्रि का व्रत और कथा भगवान शिव की भक्ति और उनकी कृपा प्राप्त करने का एक महत्वपूर्ण साधन माना जाता है। इस दिन व्रत रखकर भक्त भगवान शिव की पूजा-अर्चना करते हैं और उनका आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। यह कथा हमें सिखाती है कि भगवान शिव भक्ति और सद्भावना से प्रसन्न होते हैं, चाहे वह किसी भी रूप में हो।
https://www.youtube.com/@bhaktikibhavnaofficial/videos