
महालक्ष्मी के शक्तिशाली मंत्र
महालक्ष्मी देवी को हिन्दू धर्म में धन, ऐश्वर्य, सुख, सौभाग्य और समृद्धि की देवी माना गया है। वे भगवान विष्णु की शक्ति हैं और उनके बिना जीवन में भौतिक और आध्यात्मिक प्रगति अधूरी मानी जाती है। उनके मंत्रों का जाप करने से न केवल आर्थिक उन्नति होती है, बल्कि मानसिक शांति और जीवन में सकारात्मक ऊर्जा भी आती है।
🌟 1. बीज मंत्र: सर्वाधिक प्रभावशाली
🔹 मंत्र:
ॐ श्रीं महालक्ष्म्यै नमः
Om Shreem Mahalakshmyai Namah
🔹 अर्थ:
- ॐ – ब्रह्मांड की पवित्र ध्वनि
- श्रीं (Shreem) – लक्ष्मी बीज मंत्र, जो समृद्धि और शुभता को आकर्षित करता है
- महालक्ष्म्यै नमः – महालक्ष्मी को नमस्कार है
🔹 जाप विधि:
- प्रतिदिन सुबह स्नान के बाद, उत्तर या पूर्व दिशा की ओर मुख करके बैठें।
- कमलगट्टे की माला (या रुद्राक्ष) से 108 बार मंत्र जप करें।
- लाल या गुलाबी वस्त्र पहनें, देवी को कमल का फूल अर्पित करें।
🔹 लाभ:
- स्थायी धन लाभ
- व्यापार में वृद्धि
- घर में सौभाग्य और शांति
📜 2. श्री महालक्ष्मी अष्टक स्तोत्र
🔹 प्रारंभिक श्लोक:
नमस्तेस्तु महामाये श्रीपीठे सुरपूजिते।
शङ्खचक्रगदाहस्ते महालक्ष्मि नमोऽस्तुते॥
🔹 अर्थ:
हे महामाया! श्रीपीठ पर विराजमान, देवताओं द्वारा पूजित, शंख, चक्र और गदा धारण करने वाली महालक्ष्मी, आपको नमस्कार है।
🔹 स्तोत्र में कुल 8 श्लोक होते हैं, जो महालक्ष्मी के विभिन्न स्वरूपों और गुणों का वर्णन करते हैं।
🔹 पाठ विधि:
- शुक्रवार को विशेष रूप से इसका पाठ करें।
- दीपक जलाएं, कमल पुष्प चढ़ाएं, और गंध-धूप से पूजन करें।
- स्तोत्र का पाठ 3, 5 या 11 बार करें।
🔹 लाभ:
- अचानक धन लाभ
- जीवन की रुकावटें दूर होती हैं
- दैविक रक्षा प्राप्त होती है
🕉 3. श्री सूक्त (ऋग्वेद से)
🔹 प्रथम ऋचा:
ॐ हिरण्यवर्णां हरिणीं सुवर्णरजतस्रजाम्।
चन्द्रां हिरण्मयीं लक्ष्मीं जातवेदो म आवह॥
🔹 अर्थ:
हे अग्निदेव! सोने के समान तेजस्वी, सुंदर, चंद्रमा जैसी शीतल, सोने-चाँदी की माला पहनने वाली लक्ष्मी को मेरे पास लाओ।
🔹 पाठ विधि:
- ब्रह्ममुहूर्त में या संध्या समय श्रीसूक्त का पाठ करें।
- धूप, दीप, गंध, पुष्प, नैवेद्य से पूजा करें।
- पाठ के साथ “श्रीं” बीज मंत्र का जाप करें।
🔹 लाभ:
- सुख-समृद्धि
- स्थायी लक्ष्मी की प्राप्ति
- जीवन में सौंदर्य, वैभव और शांति
💰 4. कुबेर-लक्ष्मी धन मंत्र
🔹 मंत्र:
ॐ यक्षाय कुबेराय वैश्रवणाय धन-धान्याधिपतये
धन-धान्य समृद्धिं मे देहि दापय स्वाहा॥
🔹 अर्थ:
हे यक्षों के अधिपति कुबेर! मुझे धन-धान्य, समृद्धि और सुख प्रदान करें।
🔹 जाप विधि:
- दीपावली, धनतेरस या शुक्रवार को विशेष रूप से करें।
- हवन में आहुति देकर या माला से 108 बार जाप करें।
🔹 लाभ:
- धन में तीव्र वृद्धि
- गुप्त स्रोतों से लाभ
- व्यापार और निवेश में उन्नति
🛕 पूजन और जप के विशेष नियम:
क्र. | नियम | विवरण |
---|---|---|
1. | स्थान | शांत, स्वच्छ और पूजा के योग्य |
2. | दिशा | पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुख |
3. | समय | प्रातःकाल, संध्या या शुक्रवार |
4. | सामग्री | लाल वस्त्र, कमलगट्टा माला, दीपक, फूल |
5. | मनोभाव | श्रद्धा, एकाग्रता, भक्ति |
🪔 अतिरिक्त सुझाव:
- शुक्रवार व्रत: लक्ष्मी व्रत करें — उपवास रखें, खीर या सफेद मिठाई का भोग लगाएं।
- धन तंत्र: तुलसी में दीपक जलाकर लक्ष्मी मंत्र जप करें।
- अभिमंत्रित जल: मंत्र जप के बाद जल पर फूँक मारें और घर में छिड़कें।
महालक्ष्मी देवी को हिन्दू धर्म में धन, ऐश्वर्य, सुख, सौभाग्य और समृद्धि की देवी माना गया है। वे भगवान विष्णु की शक्ति हैं और उनके बिना जीवन में भौतिक और आध्यात्मिक प्रगति अधूरी मानी जाती है। उनके मंत्रों का जाप करने से न केवल आर्थिक उन्नति होती है, बल्कि मानसिक शांति और जीवन में सकारात्मक ऊर्जा भी आती है।
🌟 1. बीज मंत्र: सर्वाधिक प्रभावशाली
🔹 मंत्र:
ॐ श्रीं महालक्ष्म्यै नमः
Om Shreem Mahalakshmyai Namah
🔹 अर्थ:
- ॐ – ब्रह्मांड की पवित्र ध्वनि
- श्रीं (Shreem) – लक्ष्मी बीज मंत्र, जो समृद्धि और शुभता को आकर्षित करता है
- महालक्ष्म्यै नमः – महालक्ष्मी को नमस्कार है
🔹 जाप विधि:
- प्रतिदिन सुबह स्नान के बाद, उत्तर या पूर्व दिशा की ओर मुख करके बैठें।
- कमलगट्टे की माला (या रुद्राक्ष) से 108 बार मंत्र जप करें।
- लाल या गुलाबी वस्त्र पहनें, देवी को कमल का फूल अर्पित करें।
🔹 लाभ:
- स्थायी धन लाभ
- व्यापार में वृद्धि
- घर में सौभाग्य और शांति
📜 2. श्री महालक्ष्मी अष्टक स्तोत्र
🔹 प्रारंभिक श्लोक:
नमस्तेस्तु महामाये श्रीपीठे सुरपूजिते।
शङ्खचक्रगदाहस्ते महालक्ष्मि नमोऽस्तुते॥
🔹 अर्थ:
हे महामाया! श्रीपीठ पर विराजमान, देवताओं द्वारा पूजित, शंख, चक्र और गदा धारण करने वाली महालक्ष्मी, आपको नमस्कार है।
🔹 स्तोत्र में कुल 8 श्लोक होते हैं, जो महालक्ष्मी के विभिन्न स्वरूपों और गुणों का वर्णन करते हैं।
🔹 पाठ विधि:
- शुक्रवार को विशेष रूप से इसका पाठ करें।
- दीपक जलाएं, कमल पुष्प चढ़ाएं, और गंध-धूप से पूजन करें।
- स्तोत्र का पाठ 3, 5 या 11 बार करें।
🔹 लाभ:
- अचानक धन लाभ
- जीवन की रुकावटें दूर होती हैं
- दैविक रक्षा प्राप्त होती है
🕉 3. श्री सूक्त (ऋग्वेद से)
🔹 प्रथम ऋचा:
ॐ हिरण्यवर्णां हरिणीं सुवर्णरजतस्रजाम्।
चन्द्रां हिरण्मयीं लक्ष्मीं जातवेदो म आवह॥
🔹 अर्थ:
हे अग्निदेव! सोने के समान तेजस्वी, सुंदर, चंद्रमा जैसी शीतल, सोने-चाँदी की माला पहनने वाली लक्ष्मी को मेरे पास लाओ।
🔹 पाठ विधि:
- ब्रह्ममुहूर्त में या संध्या समय श्रीसूक्त का पाठ करें।
- धूप, दीप, गंध, पुष्प, नैवेद्य से पूजा करें।
- पाठ के साथ “श्रीं” बीज मंत्र का जाप करें।
🔹 लाभ:
- सुख-समृद्धि
- स्थायी लक्ष्मी की प्राप्ति
- जीवन में सौंदर्य, वैभव और शांति
💰 4. कुबेर-लक्ष्मी धन मंत्र
🔹 मंत्र:
ॐ यक्षाय कुबेराय वैश्रवणाय धन-धान्याधिपतये
धन-धान्य समृद्धिं मे देहि दापय स्वाहा॥
🔹 अर्थ:
हे यक्षों के अधिपति कुबेर! मुझे धन-धान्य, समृद्धि और सुख प्रदान करें।
🔹 जाप विधि:
- दीपावली, धनतेरस या शुक्रवार को विशेष रूप से करें।
- हवन में आहुति देकर या माला से 108 बार जाप करें।
🔹 लाभ:
- धन में तीव्र वृद्धि
- गुप्त स्रोतों से लाभ
- व्यापार और निवेश में उन्नति
🛕 पूजन और जप के विशेष नियम:
क्र. | नियम | विवरण |
---|---|---|
1. | स्थान | शांत, स्वच्छ और पूजा के योग्य |
2. | दिशा | पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुख |
3. | समय | प्रातःकाल, संध्या या शुक्रवार |
4. | सामग्री | लाल वस्त्र, कमलगट्टा माला, दीपक, फूल |
5. | मनोभाव | श्रद्धा, एकाग्रता, भक्ति |
🪔 अतिरिक्त सुझाव:
- शुक्रवार व्रत: लक्ष्मी व्रत करें — उपवास रखें, खीर या सफेद मिठाई का भोग लगाएं।
- धन तंत्र: तुलसी में दीपक जलाकर लक्ष्मी मंत्र जप करें।
- अभिमंत्रित जल: मंत्र जप के बाद जल पर फूँक मारें और घर में छिड़कें।
सावन सोमवार व्रत कैसे करें 2025
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महालक्ष्मी के शक्तिशाली मंत्र
महालक्ष्मी के शक्तिशाली मंत्र