महानंदा नवमी पर मां महानंदा की कृपा कैसे पाएं
महानंदा नवमी का महत्व
- यह दिन देवी महानंदा का प्राकट्य दिवस माना जाता है।
- मान्यता है कि माँ अपने सच्चे भक्तों के दुख, दरिद्रता, रोग और भय को दूर करती हैं।
- नवमी तिथि पर किए गए व्रत और पूजा से घर में सुख-समृद्धि, शांति और उन्नति बढ़ती है।
- देवी की उपासना विशेष रूप से संतान प्राप्ति, संतान की सुरक्षा और बुद्धि-विवेक के लिए की जाती है।
महानंदा नवमी पर माँ की कृपा पाने के उपाय
1 प्रातःकाल पवित्र स्नान और संकल्प
- ब्रह्ममुहूर्त या सूर्योदय से पहले स्नान करें।
- लाल/पीले वस्त्र धारण करें।
- एक लोटा जल लेकर संकल्प करें—
“मैं माँ महानंदा की कृपा और कल्याण की प्राप्ति हेतु व्रत व पूजा कर रहा/रही हूँ।”
2 घर व पूजा स्थान की शुद्धि
- पूजा स्थान को गंगाजल से शुद्ध करें।
- पूजा चौकी पर लाल कपड़ा बिछाएँ।
- माँ महानंदा की मूर्ति या चित्र स्थापित करें।
3 देवी का शृंगार
- देवी को लाल-पीले वस्त्र, हल्दी, कुमकुम, सिंदूर, चंपा/गेंदे के फूल अर्पित करें।
- तिलक लगाएँ और चावल (अक्षत) चढ़ाएँ।
- दीपक प्रज्वलित करें — सरसों के तेल या घी का दीपक शुभ माना जाता है।
4 माँ महानंदा का पूजन-विधि
- धूप-दीप दिखाएँ।
- फल, मिठाई, नारियल व प्रसाद चढ़ाएँ।
- सुहाग का सामान अर्पित करना विशेष शुभ है।
- देवी को हल्दी-चूड़ा-चने की दाल चढ़ाना अधिक फलदायक माना जाता है।
- माँ महानंदा चालीसा, आरती, स्तोत्र, या “ॐ ऐं ह्रीं क्लीं महानंदायै नमः” मंत्र का जाप करें।
- 108 बार जप करना बहुत शुभ माना गया है।
5 व्रत का पालन
- व्रत पूरे दिन शुद्ध भोजन के साथ रखा जाता है।
- फलाहार, दूध, चना, गुड़ आदि ग्रहण किया जा सकता है।
- मन, वाणी, कर्म से पवित्रता और संयम रखना आवश्यक है।
6 कन्या पूजन
- यदि संभव हो तो 9 कन्याओं का पूजन करें।
- उन्हें भोजन, फल, मिठाई और उपहार दें।
- यह देवी महानंदा को अत्यंत प्रिय माना गया है।
7 गरीब व जरूरतमंदों को दान
- भोजन, वस्त्र, अनाज या पैसा दान करने से देवी की कृपा कई गुना बढ़कर मिलती है।
- विशेषकर पीली दाल या चावल दान का विशेष महत्व है।
8 शाम की विशेष आरती
- नवमी तिथि पर शाम को मुख्य आरती अवश्य करें।
- 9 दीपों से आरती करना अत्यंत शुभ एवं सौभाग्यदायक माना गया है।
- देवी से अपने परिवार की सुरक्षा, धन-समृद्धि और सुख की प्रार्थना करें।
महानंदा नवमी पर माँ की कृपा मिलने के विशेष लाभ
✔ धन-समृद्धि की प्राप्ति
देवी की कृपा से घर में लक्ष्मी का वास होता है और आर्थिक समस्याएँ दूर होने लगती हैं।
✔ संतान सुख व सुरक्षा
नवमी के व्रत से संतान प्राप्ति, संतान की सेहत और उन्नति का आशीर्वाद मिलता है।
✔ रोगों से मुक्ति
माँ महानंदा को “आरोग्य प्रदायिनी” कहा गया है। उनकी उपासना से शारीरिक और मानसिक कष्ट दूर होते हैं।
✔ गृह क्लेश का अंत
व्रत और पूजा घर-परिवार में शांति, सौहार्द और आनंद बढ़ाती है।
✔ भाग्य उदय और सफलता
जो लोग करियर, व्यापार या शिक्षा में बाधाओं का सामना कर रहे हों, उन्हें देवी का वरदान मिलता है।
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