
भूल कर भी सूर्य देव को ये फूल ना चढ़ाना
सूर्य देव को पूजा में कुछ विशेष फूल अर्पित करने की मनाही होती है। भूलकर भी सूर्य देव को ये फूल नहीं चढ़ाने चाहिए:
❌ वर्जित फूल
- केवड़ा फूल – यह अशुद्ध माना जाता है और शिव जी को भी अर्पित नहीं किया जाता।
- कदंब फूल – इसे सूर्य देव की पूजा में निषेध माना गया है।
- चमेली का फूल – यह शुक्र ग्रह से संबंधित होता है और सूर्य देव से इसका विरोध माना जाता है।
- दूर्वा (दूब घास के फूल) – यह गणेश जी को समर्पित होता है, लेकिन सूर्य देव को नहीं चढ़ाना चाहिए।
- नागकेसर – यह सूर्य देव की पूजा के लिए उपयुक्त नहीं माना जाता।
- शंखपुष्पी – इसे भी सूर्य देव की आराधना में वर्जित माना गया है।
✅ सूर्य देव को कौन से फूल चढ़ाने चाहिए?
✔ लाल कमल
✔ लाल गुलाब
✔ कनेर
✔ आक का फूल
✔ चंपा
✔ गेंदा
🔆 सूर्य देव को लाल और पीले रंग के पुष्प चढ़ाना शुभ माना जाता है, क्योंकि ये ऊर्जा और तेजस्विता के प्रतीक होते हैं। 🌞🌺
इससे हमें क्या शिक्षा मिलती है?
- शुद्धता और नियमों का पालन आवश्यक है 🌿 – पूजा में सही वस्तुओं का चयन करना जरूरी है। अज्ञानता में की गई गलतियां पूजा के फल को प्रभावित कर सकती हैं।
- प्राकृतिक चीजों का महत्व समझें 🌸 – हर फूल, पत्ता और वस्तु का एक विशेष ऊर्जा क्षेत्र होता है। हमें यह समझना चाहिए कि कौन-सी चीज़ किस देवता के लिए उपयुक्त है।
- परंपराओं और शास्त्रों का सम्मान करें 📖 – भारतीय संस्कृति में हर नियम के पीछे एक वैज्ञानिक और आध्यात्मिक कारण होता है। इन्हें जानकर और मानकर ही हमें लाभ मिलेगा।
- सकारात्मकता और उचित समर्पण आवश्यक है ☀️ – सूर्य देवता ऊर्जा, शक्ति और सकारात्मकता के प्रतीक हैं। उनकी पूजा में हमें सही भाव, सही सामग्री और सही नियमों का पालन करना चाहिए।
- गलतियों से सीखें और ज्ञान बढ़ाएं 🧠 – अगर हमने अनजाने में कोई भूल कर दी, तो उसे सुधारें और आगे के लिए सही जानकारी रखें।
- भूल कर भी सूर्य देव को ये फूल ना चढ़ाना
✨ निष्कर्ष: पूजा-पाठ में नियमों का पालन करना न केवल आध्यात्मिक उन्नति के लिए जरूरी है, बल्कि यह हमें अनुशासन और प्रकृति के प्रति संवेदनशील बनना भी सिखाता है। 🌞🙏
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भूल कर भी सूर्य देव को ये फूल ना चढ़ाना