
17 मार्च 2025, सोमवार को भालचंद्र संकष्टी चतुर्थी का व्रत रखा जाएगा। इस दिन भगवान गणेश की पूजा और व्रत करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है।
भालचंद्र संकष्टी चतुर्थी 2025 तिथि और शुभ मुहूर्त:
- चतुर्थी तिथि प्रारंभ: 17 मार्च 2025 को शाम 7:33 बजे
- चतुर्थी तिथि समाप्ति: 18 मार्च 2025 को रात 10:09 बजे
- चंद्रोदय का समय: 17 मार्च 2025 को रात 9:22 बजे
व्रत एवं पूजा विधि:
- स्नान एवं संकल्प:
- प्रातः काल स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
- व्रत का संकल्प लें और भगवान गणेश की पूजा का निश्चय करें।
- पूजा सामग्री:
- लाल वस्त्र, लाल फूल, दूर्वा घास, चंदन, मोदक या लड्डू, धूप, दीप, घी, कुमकुम, रोली, चावल।
- पूजा विधि:
- भगवान गणेश की मूर्ति या चित्र को स्वच्छ स्थान पर स्थापित करें।
- कुमकुम से तिलक करें और लाल फूलों की माला अर्पित करें।
- शुद्ध घी का दीपक जलाएं और धूप अर्पित करें।
- दूर्वा घास, मोदक या लड्डू का भोग लगाएं।
- “ॐ गं गणपतये नमः” मंत्र का जाप करें।
- संकष्टी चतुर्थी व्रत कथा का पाठ करें।
- भगवान गणेश की आरती करें।
- चंद्र दर्शन एवं अर्घ्य:
- चंद्रोदय के समय चंद्रमा को अर्घ्य दें।
- चंद्र दर्शन के बाद व्रत का पारण करें।
विशेष ध्यान दें:
- इस दिन भगवान गणेश को मोदक, बूंदी के लड्डू, चावल की खीर और नारियल का भोग विशेष रूप से अर्पित करें, जिससे वे प्रसन्न हों और आपकी मनोकामनाएं पूर्ण करें।
भालचंद्र संकष्टी चतुर्थी के इस पावन अवसर पर विधिपूर्वक व्रत एवं पूजा करने से भगवान गणेश की कृपा प्राप्त होती है, जिससे जीवन की समस्त बाधाएं दूर होती हैं और सुख-समृद्धि का वास होता है।
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