
भाद्रपद मास में गणेश जी को प्रसन्न करने का सर्वोत्तम तरीका
भाद्रपद मास में गणेश जी को प्रसन्न करने का सर्वोत्तम तरीका बहुत ही सरल और प्रभावी माना गया है। इस समय किए गए पूजन और व्रत से भगवान गणपति जल्दी प्रसन्न होते हैं और हर विघ्न को दूर कर देते हैं।
गणेश जी को प्रसन्न करने के सर्वोत्तम उपाय –
- प्रातः स्नान के बाद गणपति पूजन
सुबह स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें और गणेश जी की मूर्ति अथवा चित्र के सामने दीप जलाएँ। - गणपति मंत्र जप करें
- ॐ गं गणपतये नमः मंत्र का 108 बार जाप करने से सभी बाधाएँ दूर होती हैं।
- दुर्वा और मोदक का भोग लगाएँ
गणेश जी को 21 दुर्वा-दल और मोदक (लड्डू) अत्यंत प्रिय हैं। इन्हें अवश्य अर्पित करें। - लाल सिंदूर और गंध चढ़ाएँ
गणपति को लाल रंग अत्यंत प्रिय है। पूजा में लाल फूल, सिंदूर और गंध अवश्य चढ़ाएँ। - व्रत एवं कथा का पाठ
भाद्रपद मास की चतुर्थी पर व्रत करके गणेश चतुर्थी व्रत कथा पढ़ना और सुनना विशेष फलदायी है। - आरती करें
अंत में “जय गणेश देवा” अथवा “संकटनाशन गणेश स्तोत्र” से आरती करें। - दान और सेवा
पूजा के बाद जरूरतमंदों को अन्न, वस्त्र या मिठाई का दान करने से भगवान गणेश शीघ्र प्रसन्न होते हैं।
✨ ऐसा करने से भगवान गणपति जीवन से विघ्न-बाधाएँ दूर करके सुख, शांति और समृद्धि प्रदान करते हैं।
🙏 गणेश चतुर्थी पूजा विधि (Step by Step)
- शुद्धि एवं संकल्प
- प्रातः स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
- पूजा स्थान को गंगाजल से शुद्ध करें।
- गणेश जी का पूजन करने का संकल्प लें।
- गणेश स्थापना
- भगवान गणेश की मूर्ति या चित्र को लाल वस्त्र पर विराजमान करें।
- मूर्ति के सामने दीपक और धूप जलाएँ।
- आवाहन एवं मंत्र जप
- गणेश जी का ध्यान करें और ॐ गं गणपतये नमः मंत्र का 11 या 108 बार जप करें।
- अभिषेक (स्नान)
- गणेश जी को पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद और गंगाजल) से स्नान कराएँ।
- फिर स्वच्छ जल से स्नान कराकर लाल वस्त्र पहनाएँ।
- श्रृंगार एवं अर्पण
- गणपति को चंदन, सिंदूर, दूर्वा-दल (21) और लाल फूल अर्पित करें।
- मोदक, लड्डू, फल और नारियल का भोग लगाएँ।
- व्रत कथा एवं स्तोत्र पाठ
- गणेश चतुर्थी की कथा सुनें या पढ़ें।
- “संकटनाशन गणेश स्तोत्र” अथवा “जय गणेश देवा” आरती करें।
- प्रसाद वितरण एवं दान
- पूजा के बाद मोदक व लड्डू भक्तों में बाँटें।
- ब्राह्मणों और जरूरतमंदों को अन्न व वस्त्र दान करें।
🌸 गणेश चतुर्थी के लाभ
- विघ्न-बाधाओं का नाश – गणेश जी विघ्नहर्ता हैं, उनके पूजन से जीवन की कठिनाइयाँ दूर होती हैं।
- सुख-समृद्धि की प्राप्ति – व्यापार और परिवार में स्थिरता व प्रगति आती है।
- विद्या व बुद्धि की प्राप्ति – छात्र और शिक्षा से जुड़े लोग विशेष लाभ पाते हैं।
- मान-सम्मान व यश – कार्यक्षेत्र में सफलता और समाज में प्रतिष्ठा मिलती है।
- आरोग्य लाभ – पूजा और व्रत से मानसिक शांति और स्वास्थ्य लाभ मिलता है।
- परिवार में सौहार्द – घर में कलह दूर होकर प्रेम और शांति का वातावरण बनता है।
हनुमान जी का सबसे शक्तिशाली मंत्र