
बृहस्पति देव की मूर्ति या चित्र की पूजा कैसे करें?
बृहस्पति देव (Guru या देवगुरु बृहस्पति) की पूजा मुख्यतः गुरुवार के दिन की जाती है। इनकी पूजा विशेष रूप से विद्या, धन, विवेक, संतान सुख और वैवाहिक जीवन की बाधाओं को दूर करने के लिए की जाती है। नीचे बृहस्पति देव की मूर्ति या चित्र की पूजा करने की सरल विधि दी गई है:
🌼 बृहस्पति देव की पूजा विधि (Murtipuja या Chitra-puja)
🗓 पूजा का दिन:
गुरुवार (ब्राहस्पतिवार)
🧹 पूजा से पहले तैयारी:
- सुबह जल्दी उठकर स्नान करें।
- पीले वस्त्र पहनें।
- पूजा स्थान को साफ करें और वहां पीला कपड़ा बिछाएं।
- बृहस्पति देव की मूर्ति या चित्र को पीले कपड़े पर रखें।
🛕 पूजन सामग्री:
- बृहस्पति देव का चित्र या मूर्ति
- पीले फूल (गेंदा विशेष रूप से)
- हल्दी, चंदन, अक्षत (चावल)
- पीला फल (केला, आम आदि)
- बेसन के लड्डू या चने की दाल से बनी मिठाई
- पीला वस्त्र या उपवस्त्र (अगर संभव हो तो चढ़ाएं)
- घी का दीपक
- अगरबत्ती
- पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद, और शक्कर का मिश्रण)
🙏 पूजा विधि (Step-by-step):
- दीप प्रज्वलन करें और अगरबत्ती जलाएं।
- बृहस्पति देव का ध्यान करें:
- मंत्र: “देवानां च ऋषीणां च गुरुं काञ्चनसन्निभम्।
बुद्धिभूतं त्रिलोकेशं तं नमामि बृहस्पतिम्॥”
- मंत्र: “देवानां च ऋषीणां च गुरुं काञ्चनसन्निभम्।
- मूर्ति या चित्र पर जल छिड़कें (अभिषेक नहीं करें तो जल अर्पित करें)।
आप पंचामृत से भी स्नान करा सकते हैं (यदि मूर्ति है)। - चंदन और हल्दी का तिलक करें।
- फूल और अक्षत चढ़ाएं।
- मिठाई और फल अर्पित करें।
- माला या मंत्र जप करें (27 या 108 बार):
- मंत्र: “ॐ ग्रां ग्रीं ग्रौं सः गुरवे नमः”
- बृहस्पति देव से अपनी कामना कहें।
- अंत में आरती करें:
- यदि आपके पास आरती हो तो पढ़ें, नहीं तो “ॐ जय गुरु बृहस्पति स्वामी…” से भाव से गाएं।
🟡 व्रत से संबंधित बातें:
- इस दिन पीला भोजन करें (चना दाल, हल्दी युक्त खिचड़ी, केले आदि)।
- नमक का त्याग करें यदि व्रत कर रहे हैं।
- ब्राह्मण को पीले वस्त्र या पीली मिठाई का दान करें।