
बृहस्पतिवार शाम को दीपक जलाने से खुलेंगे भाग्य के द्वार
बृहस्पतिवार शाम को दीपक जलाने से खुलेंगे भाग्य के द्वार – विस्तृत जानकारी
बृहस्पतिवार का दिन भगवान विष्णु और देवगुरु बृहस्पति को समर्पित माना जाता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, गुरु ग्रह को ज्ञान, धन, सम्मान, संतान सुख और भाग्य का कारक माना गया है। यदि व्यक्ति का बृहस्पति ग्रह मजबूत हो, तो जीवन में तरक्की, धन, सम्मान और खुशहाली बनी रहती है। लेकिन अगर यह ग्रह कमजोर हो जाए, तो व्यक्ति को आर्थिक, पारिवारिक और मानसिक परेशानियों का सामना करना पड़ता है। ऐसे में गुरुवार की शाम दीपक जलाने का उपाय अत्यंत शुभ और प्रभावी माना गया है।
दीपक जलाने का सही समय
गुरुवार के दिन शाम को सूर्यास्त के बाद लगभग 6:00 से 7:00 बजे के बीच यह दीपक जलाना सबसे शुभ माना जाता है। इस समय वातावरण में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है, जो हमारे कर्मों को बल देती है।
दीपक जलाने की विधि
- सबसे पहले स्नान करके स्वच्छ पीले वस्त्र धारण करें।
- पूजा स्थल को साफ करें और भगवान विष्णु या बृहस्पति देव की मूर्ति या चित्र के सामने दीपक रखें।
- दीपक पीतल या मिट्टी का होना चाहिए।
- दीपक में घी या सरसों का तेल डालें, और पीली बत्ती या रुई की बत्ती का प्रयोग करें।
- दीपक जलाते समय यह मंत्र बोलें —
“ॐ बृं बृहस्पतये नमः”
या
“देवगुरु बृहस्पति नमः।”
विशेष उपाय
- यदि घर में तुलसी का पौधा है, तो तुलसी के पास दीपक जलाना अत्यंत शुभ माना गया है।
- दीपक में एक या पाँच लौंग डालकर जलाने से ग्रहदोष का प्रभाव कम होता है।
- दीपक जलाते समय मन में भगवान विष्णु या बृहस्पति देव का ध्यान करें और उनसे अपने जीवन में सुख, शांति, और समृद्धि की कामना करें।
लाभ और फल
- भाग्य के द्वार खुलते हैं – निरंतर प्रयत्नों के बाद भी सफलता नहीं मिल रही हो तो यह उपाय बाधाएँ दूर करता है।
- धन और समृद्धि में वृद्धि – बृहस्पति देव की कृपा से आर्थिक स्थिति में सुधार आता है।
- विवाह और संतान संबंधी समस्याएँ दूर होती हैं – गुरु ग्रह इन दोनों का कारक है।
- मान-सम्मान और प्रतिष्ठा में वृद्धि – समाज में आदर बढ़ता है।
- घर में सकारात्मक ऊर्जा और शांति का वास होता है।
सावधानियाँ
- बृहस्पतिवार को कभी भी काले रंग के वस्त्र न पहनें।
- इस दिन नमक का सेवन करने से बचें, या बहुत सीमित मात्रा में करें।
- झगड़ा, क्रोध, और नकारात्मक विचारों से दूर रहें।
- दीपक जलाने के बाद उसे बुझाएँ नहीं — अपने आप बुझने दें।
निष्कर्ष
अगर आप जीवन में अड़चनें, आर्थिक तंगी या भाग्य की कमी महसूस कर रहे हैं, तो हर बृहस्पतिवार की शाम यह दीपक उपाय ज़रूर करें। निरंतर कुछ सप्ताह तक यह उपाय करने से भाग्य का दरवाज़ा खुलने लगता है, और धीरे-धीरे सफलता, सुख और समृद्धि का मार्ग प्रशस्त होता है।
1. पूजन से पहले की तैयारी
- शुद्धता अनिवार्य है: सबसे पहले स्नान करें और पीले या हल्के सफेद वस्त्र धारण करें।
- स्थान चयन: पूजा के लिए घर के उत्तर-पूर्व दिशा (ईशान कोण) का चयन करें क्योंकि यह दिशा गुरु की मानी जाती है।
- सामग्री तैयार करें: दीपक, घी या सरसों का तेल, पीली रुई की बत्ती, पीला कपड़ा, तुलसी पत्ता, हल्दी, गुड़, चने की दाल, केले और फूल रखें।
- साफ वातावरण: पूजा स्थल पर कोई गंदगी या जूते-चप्पल न हों।
2. दीपक पूजन की मुख्य विधि
- भगवान विष्णु और बृहस्पति देव का ध्यान करें।
पूजन प्रारंभ करने से पहले “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय” या “ॐ बृं बृहस्पतये नमः” मंत्र का उच्चारण करें। - दीपक की तैयारी:
- दीपक पीतल, तांबे या मिट्टी का होना चाहिए।
- उसमें घी या सरसों का तेल डालें।
- पीले कपड़े में बनी रुई की बत्ती या लौंग की बत्ती लगाएँ।
- दीपक में हल्दी का तिलक लगाएँ और थोड़ा गुड़ डाल सकते हैं।
- दीपक प्रज्वलन का समय:
सूर्यास्त के बाद 6:00 बजे से 7:00 बजे के बीच दीपक जलाना सबसे शुभ माना गया है। - दीपक की दिशा:
दीपक को उत्तर-पूर्व दिशा (ईशान कोण) या पूर्व दिशा की ओर जलाएँ।
यदि तुलसी का पौधा घर में है, तो उसके पास दीपक अवश्य जलाएँ।
3. पूजन की प्रक्रिया
- दीपक जलाने के बाद भगवान विष्णु और बृहस्पति देव को हल्दी, गुड़, चने की दाल और केले का भोग लगाएँ।
- अगर संभव हो तो “विष्णु सहस्रनाम” या “बृहस्पति स्तोत्र” का पाठ करें।
- बृहस्पति देव से प्रार्थना करें —
“हे देवगुरु बृहस्पति, मेरे जीवन से अज्ञान, दुर्भाग्य और दरिद्रता को दूर करें और मुझे ज्ञान, धन, सम्मान और सुख प्रदान करें।” - दीपक के पास बैठकर कुछ देर ध्यान लगाएँ और मन में अपने जीवन की बाधाओं के समाधान की कामना करें।
4. गुरुवार व्रत के नियम
- नमक रहित भोजन करें या बहुत कम मात्रा में नमक लें।
- पीले वस्त्र पहनें और भोजन में पीली वस्तुओं जैसे चने की दाल, हल्दी, और केले का प्रयोग करें।
- किसी जरूरतमंद को पीले वस्त्र या खाद्य सामग्री दान करें।
- महिलाओं को इस दिन बाल नहीं धोना चाहिए और न ही किसी से झगड़ा करना चाहिए।
- इस दिन लोहे, काले वस्त्र या नीले रंग की चीज़ों का प्रयोग न करें।
5. दीपक से जुड़े शुभ उपाय
- दीपक में पाँच लौंग डालकर जलाने से नकारात्मक ऊर्जा नष्ट होती है।
- दीपक में थोड़ी हल्दी या केसर डालने से बृहस्पति ग्रह मजबूत होता है।
- यदि आप तुलसी के पौधे के नीचे दीपक जलाते हैं, तो घर में देवताओं की कृपा बढ़ती है।
- दीपक जलाकर 11 बार “ॐ बृं बृहस्पतये नमः” मंत्र का जप करें।
6. पूजा के लाभ
- बृहस्पति देव की कृपा से भाग्य का दरवाज़ा खुलता है।
- आर्थिक समस्याएँ, नौकरी और विवाह में आने वाली बाधाएँ दूर होती हैं।
- घर में सुख, शांति और सकारात्मक ऊर्जा का वास होता है।
- विद्यार्थियों को ज्ञान और एकाग्रता की प्राप्ति होती है।
- जीवन में मान-सम्मान और प्रतिष्ठा बढ़ती है।