
बृहस्पतिवार व्रत विधि
बृहस्पतिवार (गुरुवार) का व्रत भगवान विष्णु और बृहस्पति देव को समर्पित होता है। इसे करने से धन, बुद्धि, सुख-शांति और समृद्धि की प्राप्ति होती है।
बृहस्पतिवार व्रत विधि
- स्नान एवं संकल्प:
- प्रातः स्नान कर स्वच्छ पीले वस्त्र धारण करें।
- व्रत का संकल्प लें और भगवान विष्णु तथा बृहस्पति देव का ध्यान करें।
- पूजा सामग्री:
- हल्दी, चने की दाल, पीला फल (केला आदि), पीले फूल, गुड़, पीले वस्त्र, गंगाजल, धूप-दीप।
- पूजा विधि:
- घर या मंदिर में भगवान विष्णु एवं बृहस्पति देव की प्रतिमा/चित्र स्थापित करें।
- गंगाजल से शुद्धिकरण करें और हल्दी-चंदन का तिलक करें।
- पीले फूल, चने की दाल और गुड़ का भोग लगाएं।
- विष्णु सहस्त्रनाम, बृहस्पति स्तोत्र या गुरुवार व्रत कथा का पाठ करें।
- घी का दीपक जलाएं और आरती करें।
- भोजन नियम:
- व्रत में पीले खाद्य पदार्थों का सेवन करें, जैसे – चने की दाल, गुड़, केला, बेसन की चीजें आदि।
- नमक का सेवन न करें या अत्यंत कम मात्रा में करें।
- ब्राह्मणों को भोजन कराएं और दान-दक्षिणा दें।
- व्रत का समापन:
- शाम को पुनः भगवान विष्णु की आरती करें।
- 7 या 11 गुरुवार तक यह व्रत करने से विशेष फल प्राप्त होता है।
इस व्रत से आर्थिक परेशानियाँ दूर होती हैं, गुरु ग्रह मजबूत होता है और घर में सुख-समृद्धि आती है।
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