बृहस्पतिवार व्रत की कथा
बृहस्पतिवार व्रत की कथा
बहुत समय पहले एक नगर में एक धनवान और धर्मप्रिय परिवार रहता था। उस घर में सभी बहुत भक्ति-भाव से भगवान की पूजा करते थे। खासकर घर की स्त्री बहुत ही नेक, दयालु और सत्यवादी थी। वह प्रतिदिन भगवान विष्णु की पूजा करती और गुरुवार का उपवास अवश्य रखती थी।
उस स्त्री के पुण्य से घर में सुख-शांति थी। यह देखकर भगवान विष्णु प्रसन्न थे।
लेकिन घर की दूसरी औरतें व पड़ोस की महिलाएँ उसकी भक्ति से जलने लगीं। उनमें से एक चालाक स्त्री ने मन ही मन सोचा कि यदि यह ऐसे ही भक्ति करती रही तो इसका सत्कार सब ओर बढ़ जाएगा, और हमारा कोई सम्मान नहीं रहेगा।
एक दिन उस स्त्री ने उसे भ्रमित करने की योजना बनाई। वह गुरुवार के दिन उसके घर आई और बोली—
“बहन, तुम गुरुवार को बाल नहीं धोती, सफाई नहीं करती; इससे घर गंदा दिखता है। अगर तुम आज स्नान करके बाल धो लो, तो घर सुंदर लगेगा। क्या भगवान यह नहीं चाहते?”
उस भली स्त्री ने कहा—
“बहन, गुरुवार को बाल धोना, दान-पानी रोकना और कपड़ा धोना मना है। इससे गुरु की कृपा रुक जाती है।”
परंतु उस दुष्ट स्त्री ने बार-बार ऐसा समझाया कि वह भली स्त्री उसके बहकावे में आ गई और गुरुवार के दिन ही बाल धो लिये।
ज्यों ही उसने बालों में पानी डाला, भगवान विष्णु उसकी परीक्षा लेने स्वयं ब्राह्मण के रूप में वहाँ प्रकट हुए।
उन्होंने कहा—
“बेटी, आज तुमने गुरु का व्रत भंग कर दिया। इसके परिणामस्वरूप तुम्हारे घर की लक्ष्मी तुम्हें छोड़कर चली जाएगी।”
और सचमुच, कुछ ही दिनों में घर की समृद्धि नष्ट हो गई। पति का व्यापार चौपट, पैसा समाप्त, घर में भोजन तक का अभाव होने लगा। वह स्त्री पश्चाताप से भरकर रोने लगी।
कई दिन बाद वही ब्राह्मण रूपी भगवान फिर से आए। उन्होंने कहा—
“यदि तुम पुनः श्रद्धा से गुरु का व्रत रखोगी, कथा सुनोगी और दूसरों को भी सुनाओगी, तो तुम्हारे घर में फिर से सुख-शांति आएगी।”
उस स्त्री ने विनयपूर्वक क्षमा माँगी और संकल्प लिया कि अब वह पूरे नियम से बृहस्पतिवार का व्रत रखेगी।
उसने श्रद्धा से व्रत किया, कथा सुनी, गुरु की पूजा की और दान-पुण्य किया।
कुछ ही दिनों में फिर से घर में सुख, धन, शांति और समृद्धि लौट आई।
तब भगवान विष्णु प्रकट होकर बोले—
“जो मनुष्य गुरुवार का व्रत करता है, गुरु की कथा सुनता है और आस्था रखता है, उसकी सभी मनोकामनाएँ पूर्ण होती हैं।”
व्रत का फल
बृहस्पतिवार व्रत रखने से—
- परिवार में सुख-शांति बढ़ती है
- धन-समृद्धि प्राप्त होती है
- दांपत्य जीवन में प्रेम बढ़ता है
- कार्यों में बाधाएँ दूर होती हैं
- गुरु एवं भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है
हनुमान चालीसा पाठ एवं विस्तृत पूजा विधि
