बजरंगबली की उपासना कैसे करें: सरल विधि
हनुमान जी, जिन्हें बजरंगबली, अंजनेय, पवनपुत्र और संकटमोचक के नाम से जाना जाता है, शक्ति, भक्ति, साहस और विनम्रता के प्रतीक हैं। उनका स्मरण करने मात्र से ही भय, बाधाएँ, नकारात्मकता और मानसिक तनाव दूर होने लगते हैं। नीचे दी गई सरल पूजा विधि उन भक्तों के लिए है जो अपने घर में नित्य या विशेष दिनों (जैसे मंगलवार व शनिवार) को हनुमान जी की उपासना करना चाहते हैं।
1. प्रातःकाल की तैयारी
- सुबह स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
- पूजा स्थान को साफ करें और हनुमान जी की मूर्ति या चित्र को स्थापित करें।
- लाल आसन पर बैठना शुभ माना जाता है।
- मन को शांत करने के लिए कुछ क्षण ध्यान करें।
2. पूजा सामग्री
- लाल पुष्प (गेंदा या चमेली सबसे उत्तम)
- हनुमान चालीसा और सुंदरकाण्ड की पुस्तक
- दीपक (घी का दीप सर्वोत्तम)
- रौली, अक्षत (चावल)
- जल से भरा छोटा लोटा
- प्रसाद: गुड़-चना, मोतीचूर लड्डू या बूंदी
- लाल कपड़ा या चूनरी
- सिंदूर व चमेली का तेल (विशेष पूजा में)
3. पूजन का आरंभ
- दीपक जलाकर हनुमान जी को प्रणाम करें।
- जल से आचमन करके वातावरण शुद्ध करें।
- “ॐ हनुमते नमः” मंत्र का कम से कम 11 बार जाप करें।
- मूर्ति या चित्र पर जल, अक्षत, रौली और फूल चढ़ाएँ।
4. विशेष अर्पण – सिंदूर और तेल
हनुमान जी को सिंदूर और चमेली के तेल का चोला चढ़ाना अत्यंत शुभ माना जाता है।
- दाहिने हाथ की अनामिका उंगली से हल्का सिंदूर चढ़ाएँ।
- थोड़ा सा चमेली का तेल अर्पित करें।
यह कार्य विनम्रता और श्रद्धा से करें।
5. मंत्र-जप और पाठ
हनुमान चालीसा पाठ
रोज़ या विशेष दिनों में हनुमान चालीसा का पाठ करें।
यदि समय हो तो बजरंग बाण, हनुमानाष्टक या सुंदरकाण्ड का पाठ भी कर सकते हैं।
जाप मंत्र:
- “ॐ श्री हनुमते नमः”
- “ॐ हनुमान् बल-गुण-सागराय नमः”
हर मंत्र का 11, 21 या 108 बार जाप करना शुभ माना जाता है।
6. आरती
- कपूर या घी का दीपक जलाकर हनुमान जी की आरती करें।
- आरती के पश्चात घर में सकारात्मक ऊर्जा फैलती है।
7. प्रसाद और परिक्रमा
- हनुमान जी को गुड़-चना या लड्डू का भोग लगाएँ।
- परिवार के सदस्यों को प्रसाद वितरित करें।
- 3 या 7 बार परिक्रमा करें (यदि संभव हो)।
8. उपासना के नियम
- मंगलवार और शनिवार को ब्रह्मचर्य का पालन करना उत्तम होता है।
- मांस-मदिरा, नशा और झूठ से दूर रहें।
- बुरी संगति से बचें और सत्य को जीवन में अपनाएँ।
- गरीबों को भोजन या दान देना अत्यंत पुण्यदायी है।
9. हनुमान जी की कृपा प्राप्त होने के संकेत
- मन का शांत होना
- भय व चिंता कम होना
- कार्यों का सहजता से पूरा होना
- आत्मविश्वास और उत्साह में वृद्धि
10. भक्तों के लिए अतिरिक्त सलाह
- रोज़ सुबह “राम-नाम” का जाप करें, क्योंकि हनुमान जी रामभक्ति से अत्यधिक प्रसन्न होते हैं।
- शाम के समय भी दीप जलाकर हनुमान चालीसा का पाठ करें।
- यदि कोई भारी संकट हो तो सुंदरकाण्ड का विशेष पाठ अत्यंत लाभ देता है।
बजरंगबली की उपासना कैसे करें: सरल विधि
बजरंगबली की उपासना कैसे करें: सरल विधि
