
पीपल वृक्ष की पूजा पीपल वृक्ष की पूजा
पीपल वृक्ष की पूजा का विशेष महत्व हिंदू धर्म में बताया गया है, खासकर सोमवती अमावस्या जैसे शुभ अवसर पर। पीपल को भगवान विष्णु, शिव, और माता लक्ष्मी का प्रतीक माना जाता है। इसकी पूजा करने से परिवार में सुख-शांति, समृद्धि, और पितरों की कृपा प्राप्त होती है। यहाँ पीपल वृक्ष की पूजा विधि विस्तार से दी गई है:
1. पीपल वृक्ष का चयन
- अपने आस-पास किसी पवित्र पीपल वृक्ष का चयन करें।
- यह वृक्ष मंदिर या नदी के किनारे हो तो और भी शुभ माना जाता है।
2. स्नान और तैयारी
- सुबह स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
- पूजा की थाली में जल, कच्चा दूध, फूल, दीपक, धूप, अक्षत (चावल), कुमकुम, मिठाई, और कच्चा सूत (धागा) रखें।
3. पीपल की पूजा
- पीपल वृक्ष के सामने दीपक जलाएँ और धूप अर्पित करें।
- वृक्ष पर जल और कच्चा दूध चढ़ाएँ।
- इसके बाद फूल, अक्षत, और मिठाई अर्पित करें।
4. परिक्रमा (फेरी)
- पीपल के वृक्ष के चारों ओर कच्चा धागा लेकर 108 बार परिक्रमा करें।
- हर परिक्रमा के साथ भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी का स्मरण करें।
- परिक्रमा के दौरान यह मंत्र जपें:
“ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः”
या
“ॐ महादेवाय नमः”
5. पितरों के लिए तर्पण
- पीपल के वृक्ष के नीचे तिल, चावल, और जल अर्पित करें।
- पितरों की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करें।
6. व्रत और प्रार्थना
- अगर आप व्रत कर रहे हैं, तो दिनभर भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा करें।
- भगवान से परिवार की खुशहाली और जीवन की बाधाएँ दूर करने की प्रार्थना करें।
7. दान
- पीपल की पूजा के बाद गरीबों को दान दें।
- तिल, गुड़, वस्त्र, और भोजन का दान करने से पुण्य फल मिलता है।
पीपल वृक्ष की पूजा का महत्व
- पीपल की पूजा से पितृदोष दूर होता है।
- यह सुख-समृद्धि और शांति प्रदान करता है।
- स्वास्थ्य संबंधी समस्याएँ दूर होती हैं।
- जीवन में आ रही बाधाओं और कष्टों से मुक्ति मिलती है।
श्रद्धा और भक्ति के साथ की गई पीपल वृक्ष की पूजा अत्यंत फलदायी होती है।