
नवरात्रि के छठे दिन किस माता की पूजा की जाती है
नवरात्रि के छठे दिन माँ कात्यायनी की पूजा की जाती है।
माँ कात्यायनी
- माँ दुर्गा के छठे स्वरूप को कात्यायनी कहा जाता है।
- इनका रंग स्वर्ण के समान चमकीला होता है।
- माँ कात्यायनी सिंह पर सवार होती हैं और चार भुजाओं वाली होती हैं।
- इनके एक हाथ में अभय मुद्रा, दूसरे में वरद मुद्रा, तीसरे में तलवार और चौथे हाथ में कमल होता है।
महत्त्व एवं उपासना
- माँ कात्यायनी को शक्ति और पराक्रम की देवी माना जाता है।
- उनकी पूजा करने से शत्रु बाधा से मुक्ति, वैवाहिक जीवन में सुख और संतान सुख की प्राप्ति होती है।
- कन्याओं के विवाह में आने वाली बाधाओं को दूर करने के लिए माँ कात्यायनी की विशेष रूप से पूजा की जाती है।
मंत्र
“ॐ देवी कात्यायन्यै नमः”
अगर आप विशेष फल चाहते हैं, तो इस दिन माँ कात्यायनी की पूजा करते समय यह मंत्र भी जप सकते हैं:
“कात्यायनि महामाये महायोगिन्यधीश्वरी।
नन्दगोपसुतं देवि पतिं मे कुरु ते नमः॥”
माँ कात्यायनी की पूजा विधि (छठे दिन की पूजा)
माँ कात्यायनी की पूजा नवरात्रि के छठे दिन की जाती है। यह पूजा विशेष रूप से विवाह बाधाओं को दूर करने, सुख-समृद्धि और शत्रु नाश के लिए की जाती है। आइए जानते हैं पूजा विधि—
1. पूजन की तैयारी
✅ स्नान व संकल्प: प्रातः स्नान करके स्वच्छ वस्त्र पहनें और माँ कात्यायनी की पूजा का संकल्प लें।
✅ माँ की प्रतिमा या चित्र: पूजा स्थान पर माँ कात्यायनी की प्रतिमा या चित्र स्थापित करें।
✅ आसन: पूजा के लिए लाल या पीले रंग का आसन प्रयोग करें।
2. पूजन सामग्री
🔸 माँ कात्यायनी को गुड़, शहद और लाल फूल प्रिय हैं।
🔸 लाल रंग का वस्त्र अर्पित करें।
🔸 दीपक, धूप, कुमकुम, अक्षत, फूल, चंदन, माला, फल, नारियल, मिठाई आदि रखें।
🔸 माँ को शहद से बनी चीजों का भोग लगाएं, यह बहुत शुभ माना जाता है।
3. पूजन विधि
1️⃣ घटस्थापना एवं दीप प्रज्वलित करें।
2️⃣ गणेश जी का पूजन करें, फिर नवग्रहों एवं कुलदेवी-कुलदेवता का आह्वान करें।
3️⃣ माँ कात्यायनी का ध्यान करें और मंत्र जपें:
“ॐ देवी कात्यायन्यै नमः”
4️⃣ माँ को गंध, अक्षत, पुष्प, धूप, दीप, नैवेद्य अर्पित करें।
5️⃣ विशेष मंत्र: विवाह में आ रही बाधा को दूर करने के लिए इस मंत्र का जाप करें—
“कात्यायनि महामाये महायोगिन्यधीश्वरी।
नन्दगोपसुतं देवि पतिं मे कुरु ते नमः॥”
इस मंत्र का 108 बार जाप करें।
6️⃣ आरती करें और माँ से प्रार्थना करें।
7️⃣ प्रसाद वितरण करें और घर के सभी सदस्य माँ का आशीर्वाद लें।
4. माँ कात्यायनी को क्या अर्पित करें?
- भोग: शहद, गुड़, लाल रंग की मिठाई, फल
- फूल: लाल गुलाब या गेंदा
- रंग: लाल वस्त्र और लाल चूड़ियां चढ़ाएं
5. व्रत करने का तरीका
- केवल फलाहार करें या एक समय सात्त्विक भोजन लें।
- ब्रह्मचर्य का पालन करें और मन को शुद्ध रखें।
- माता की कथा सुनें और भजन-कीर्तन करें।
माँ कात्यायनी की कृपा से लाभ
✅ विवाह बाधा दूर होती है।
✅ प्रेम संबंधों में सफलता मिलती है।
✅ दांपत्य जीवन सुखी होता है।
✅ रोग, भय और शत्रुओं का नाश होता है।
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