तुलसी विवाह पर क्या करें: विधि, पूजा और शुभ मुहूर्त
🌸 तुलसी विवाह पर क्या करें: विधि, पूजा और शुभ मुहूर्त
🪔 तुलसी विवाह का महत्व
तुलसी विवाह (Tulsi Vivah) हिंदू धर्म में अत्यंत पवित्र पर्व माना जाता है। यह कार्तिक मास की शुक्ल एकादशी या द्वादशी को मनाया जाता है, जिसे देवउठनी एकादशी या प्रभोधिनी एकादशी भी कहते हैं।
इस दिन माता तुलसी (भगवान विष्णु की प्रिय) और शालिग्राम भगवान विष्णु (या श्रीकृष्ण रूप) का विवाह संपन्न कराया जाता है।
ऐसा माना जाता है कि इस दिन से देवताओं का सुप्त काल समाप्त होता है और विवाह व शुभ कार्यों का आरंभ किया जा सकता है।
🕰️ तुलसी विवाह का शुभ मुहूर्त (2025 के अनुसार)
- तिथि: कार्तिक शुक्ल एकादशी (या द्वादशी)
- मुहूर्त: प्रातः काल से लेकर संध्या काल तक शुभ होता है
- विशेष समय: प्रदोषकाल (सूर्यास्त के बाद का समय) सबसे शुभ माना जाता है
(👉 हर वर्ष का सटीक मुहूर्त पंचांग या स्थानीय पंडित से अवश्य जानें)
🌿 तुलसी विवाह की तैयारी
आवश्यक सामग्री:
- तुलसी का पौधा (सजाया हुआ)
- शालिग्राम (या भगवान विष्णु/श्रीकृष्ण की मूर्ति)
- पीत वस्त्र, लाल चुनरी
- हल्दी, कुमकुम, चावल, फूल, माला
- नारियल, सुपारी, धूप, दीपक
- मिठाई, फल, तुलसीपत्र, मखाना, पान, कलश, जल
🪶 तुलसी विवाह की संपूर्ण पूजा विधि
1️⃣ स्थान और सजावट
- तुलसी का पौधा साफ़ स्थान पर रखें और उसके चारों ओर रंगोली बनाएं।
- तुलसी माता को साड़ी या चुनरी पहनाएँ, फूलों से सजाएँ।
- भगवान शालिग्राम या विष्णु जी को पीले वस्त्र पहनाएँ।
2️⃣ मंगल स्नान और पूजा प्रारंभ
- तुलसी माता और शालिग्राम को गंगाजल से स्नान कराएँ।
- अक्षत, कुमकुम और फूल चढ़ाएँ।
3️⃣ विवाह विधि
- तुलसी माता के दाईं ओर शालिग्राम (या विष्णु) को रखें।
- धूप, दीप जलाएँ और मंगल गीत गाएँ।
- पंडित या घर के बड़े व्यक्ति विवाह मंत्रों के साथ तुलसी-शालिग्राम का “कन्यादान” करें।
- तुलसी को हल्दी-कुमकुम लगाकर माला पहनाएँ और चुनरी ओढ़ाएँ।
- शालिग्राम को पीले वस्त्र में बाँधकर तुलसी के साथ “फेरे” दिलाएँ (प्रतीकात्मक रूप से)।
4️⃣ आरती और प्रसाद
- तुलसी विवाह की आरती करें।
- भगवान विष्णु को भोग लगाएँ — खीर, फल, माखन-मिश्री, और तुलसीपत्र चढ़ाएँ।
- अंत में प्रसाद बाँटें और सबको आशीर्वाद दें।
🌼 तुलसी विवाह के दिन क्या करें
- पूरे दिन सात्त्विक भोजन करें (फलाहार या एकादशी व्रत)।
- घर में भक्ति संगीत, भजन या कीर्तन करें।
- तुलसी के पौधे में दीपक जलाएँ — विशेष रूप से संध्या के समय।
- विवाह के बाद तुलसी के पौधे के चारों ओर 11 परिक्रमा करें।
- व्रतधारी व्यक्ति द्वादशी को व्रत का पारण करें।
🚫 क्या न करें
- इस दिन किसी भी प्रकार का मांसाहार, शराब या प्याज-लहसुन का सेवन न करें।
- तुलसी पत्ते तोड़ना वर्जित होता है — केवल पूजा के समय पहले से तोड़े हुए पत्ते उपयोग करें।
🌺 तुलसी विवाह का फल
- घर में सौभाग्य, वैवाहिक सुख और समृद्धि आती है।
- विष्णु और लक्ष्मी दोनों की कृपा प्राप्त होती है।
- विवाह योग्य कन्याओं के लिए यह विशेष रूप से शुभ माना गया है।
तुलसी विवाह पर क्या करें: विधि, पूजा और शुभ मुहूर्त
✨ सारांश
| कार्य | महत्व |
|---|---|
| तुलसी-शालिग्राम का विवाह | देवताओं के जागरण का प्रतीक |
| दीपदान और आरती | घर में सुख-शांति और समृद्धि |
| सात्त्विक आहार और व्रत | शरीर और मन की शुद्धि |
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