
1. सामग्री:तुलसी का पौधादीपक और बातीघी या तेलकुमकुम, हल्दी, चावलअगरबत्तीनैवेद्य (मीठा प्रसाद)जल का कलशधूपफूल और तुलसी के पत्तेनारियल (वैकल्पिक)2. पूजा की तैयारी:प्रातःकाल स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें।तुलसी माता का पौधा स्वच्छ करें, उस पर जल अर्पित करें।दीपक जलाएं और पूजा सामग्री को एकत्रित करें।3. पूजा विधि:1. सबसे पहले, दीपक जलाकर तुलसी माता के सामने रखें।2. तुलसी माता को जल चढ़ाएं और कहें:“ॐ तुलसिदेवयै नमः”3. हल्दी, कुमकुम और चावल चढ़ाएं।4. अगरबत्ती और धूप जलाकर तुलसी माता का ध्यान करें।5. फूल अर्पित करें और यह मंत्र बोलें:“ॐ तुलसी विष्णुप्रिया नमो नमः”6. तुलसी माता को मीठा प्रसाद अर्पित करें।7. तुलसी माता की परिक्रमा करें (कम से कम 3 या 7 बार)।8. अंत में, आरती गाएं:“जय जय तुलसी माता, जय जय तुलसी माता…”4. प्रणाम और आशीर्वाद:पूजा समाप्ति पर दोनों हाथ जोड़कर तुलसी माता से प्रार्थना करें:“हे तुलसी माता, हमारे घर में सुख, समृद्धि और शांति प्रदान करें। हमारे पापों का नाश करें और हमें भगवान विष्णु की भक्ति प्रदान करें।”5. तुलसी माता की आरती (संक्षिप्त):ॐ जय तुलसी माता, जय जय तुलसी माता।हरि विष्णु प्रिया सदा तू, नारायणी माता॥त्वं पापहरिणी माता, त्वं पुण्यफलप्रदा।जो कोई तुझे ध्यावे, ऋद्धि-सिद्धि पावे॥ॐ जय तुलसी माता, जय जय तुलसी माता॥विशेष नोट:एकादशी और शुक्रवार को विशेष रूप से तुलसी माता की पूजा करनी चाहिए।तुलसी के पत्ते बिना स्नान किए न तोड़ें और सूर्यास्त के बाद तुलसी को जल न चढ़ाएं।इस विधि से पूजा करने पर तुलसी माता की कृपा और भगवान विष्णु का आशीर्वाद प्राप्त होता है।