
जन्माष्टमी पर सूखे मेवों का विशेष भोग
जन्माष्टमी के दिन व्रत और उपवास में कई लोग अनाज नहीं खाते, इसलिए श्रीकृष्ण को अर्पित किया जाने वाला भोग भी सात्विक और पौष्टिक रखा जाता है। सूखे मेवों का भोग न सिर्फ स्वादिष्ट होता है बल्कि ऊर्जा भी देता है, जो व्रतधारियों के लिए उत्तम माना जाता है।
सूखे मेवों का भोग क्यों?
- श्रीकृष्ण को दूध, माखन, मिश्री और मेवे अत्यंत प्रिय थे।
- सूखे मेवे शक्ति, स्फूर्ति और मिठास का प्रतीक हैं।
- व्रत में यह सुपाच्य और पौष्टिक आहार माना जाता है।
आवश्यक सामग्री
- बादाम – 15-20
- काजू – 15-20
- किशमिश – 2 बड़े चम्मच
- अखरोट – 6-8 टुकड़े
- पिस्ता – 10-12
- मिश्री – 2 बड़े चम्मच
- नारियल बुरादा – 2 बड़े चम्मच
- घी – 1-2 छोटे चम्मच
- इलायची पाउडर – ½ छोटा चम्मच
विधि
- सभी मेवों को हल्का सा साफ कपड़े से पोंछ लें।
- एक पैन में घी गरम करें और काजू, बादाम, पिस्ता, अखरोट को हल्का सा भून लें (सिर्फ खुशबू आने तक)।
- गैस बंद करके इसमें किशमिश और नारियल बुरादा डालें।
- मिश्री को हल्का सा कूटकर मिला दें।
- ऊपर से इलायची पाउडर डालकर अच्छे से मिक्स करें।
- इसे एक सुंदर थाली या चांदी के पात्र में सजाकर श्रीकृष्ण को अर्पित करें।
भोग अर्पण की विधि
- भगवान को पहले भोग दिखाएं, फिर आरती करें।
- भोग अर्पण के बाद प्रसाद के रूप में व्रतधारियों में बांटें।
जन्माष्टमी पर सूखे मेवों के विशेष भोग के लाभ
सूखे मेवे सिर्फ स्वाद ही नहीं बढ़ाते, बल्कि जन्माष्टमी व्रत में शरीर को पोषण और ऊर्जा भी देते हैं। यहाँ इसके मुख्य लाभ दिए गए हैं—
- ऊर्जा का स्रोत – बादाम, काजू, अखरोट और किशमिश तुरंत ताकत और स्फूर्ति देते हैं, जिससे व्रत में कमजोरी महसूस नहीं होती।
- सात्विक आहार – बिना प्याज-लहसुन, अनाज रहित और पवित्र होने के कारण यह भोग भगवान के लिए और व्रतधारियों के लिए उत्तम है।
- मानसिक शांति – सूखे मेवों में मौजूद मैग्नीशियम और ओमेगा-3 फैटी एसिड मन को शांत और स्थिर रखते हैं।
- पाचन में सहायक – सीमित मात्रा में भुने सूखे मेवे पचने में आसान होते हैं और पेट को हल्का रखते हैं।
- आध्यात्मिक महत्व – मेवे समृद्धि, शक्ति और भक्ति का प्रतीक माने जाते हैं, इसलिए भगवान को अर्पण करने से यह शुभ फल देते हैं।
- सर्दी-जुकाम से बचाव – खासकर अखरोट और बादाम शरीर में गर्माहट देते हैं, जिससे मौसम बदलने पर भी स्वास्थ्य ठीक रहता है।
- बालगोपाल की प्रियता – परंपरा के अनुसार श्रीकृष्ण को माखन और मेवे बहुत प्रिय थे, इसलिए यह भोग उन्हें प्रसन्न करता है।
कृष्ण जन्माष्टमी विशेष भोग-विधि एवं पारन
https://www.youtube.com/@bhaktikibhavnaofficial
जन्माष्टमी पर सूखे मेवों का विशेष भोग
जन्माष्टमी पर सूखे मेवों का विशेष भोग