चैत्र नवरात्रि 2025 का आरंभ 30 मार्च से होगा और इसका समापन 6 अप्रैल को होगा। इस बार नवरात्रि आठ दिनों की होगी, क्योंकि पंचमी तिथि का क्षय हो रहा है और अष्टमी-नवमी एक साथ मनाई जाएगी।
कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त:
- प्रातः 6:13 बजे से 10:21 बजे तक
- अभिजीत मुहूर्त: दोपहर 12:01 बजे से 12:50 बजे तक
कलश स्थापना की विधि
- लकड़ी की चौकी पर लाल वस्त्र बिछाकर देवी दुर्गा की प्रतिमा या चित्र स्थापित करें।
- चौकी के पास मिट्टी में जौ बोएं।
- पीतल या मिट्टी के कलश में जल भरें, उस पर कलावा बांधें और स्वास्तिक बनाएं।
- कलश में सुपारी, दूर्वा घास, सिक्के और पंचरत्न डालें।
- आम के पत्ते रखकर नारियल को लाल वस्त्र में लपेटकर कलश के ऊपर रखें।
- विधिपूर्वक गणपति और मातृका पूजन के बाद कलश स्थापना करें और मां दुर्गा का आह्वान करें।
चैत्र नवरात्रि का महत्व
चैत्र नवरात्रि में मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा की जाती है:
- मां शैलपुत्री
- मां ब्रह्मचारिणी
- मां चंद्रघंटा
- मां कूष्मांडा
- मां स्कंदमाता
- मां कात्यायनी
- मां कालरात्रि
- मां महागौरी
- मां सिद्धिदात्री
नवरात्रि के दौरान उपवास, भजन-कीर्तन, कन्या पूजन और हवन करने से शुभ फल प्राप्त होते हैं। इस वर्ष मां दुर्गा की सवारी हाथी होगी, जो समृद्धि और सौभाग्य का प्रतीक मानी जाती है।
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चैत्र नवरात्रि 2025: शुभ तिथि, पूजा विधि और महत्व
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